Kedarnath Temple केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे, जाने केदारनाथ यात्रा

Kedarnath Temple: केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे, जाने केदारनाथ यात्रा की पूरी डिटेल जानकारी

Kedarnath Temple: केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है| जिसकी ऊंचाई 11700 फिट की ऊंचाई पर स्थित है| Kedarnath Temple का खुलने का समय मई से लेकर नवम्बर तक खुले रहते है| यानि 6 महीने खुले और 6 महीने बंद रहते है| उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रताप जिले में स्थित केदारनाथ के नाम से आप लोग जरूर बाक़िफ़ होंगे| अगर आप प्लान बना रहे है, रहे  है, केदारनाथ यात्रा जाने की तो अभी बिलकुल सही समय है| Kedarnath Temple की यात्रा जरुर करे| इसे दुनिया का सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक माना जाता है|

हमारे हिन्दू धर्मो के सभी तीर्थ स्थलों में इसे सबसे सुद्ध माना जाता है| और ऐसा भी माना जाता है की जो लोग जाकर Kedarnath Temple में पूजा कर पाते है, वो बहुत भग्यशाली होते है| Kedarnath Temple में ज्यादा लोग नहीं जा पाते है| तो आइये इस आर्टिकल में हम आपको केदारनाथ यात्रा की सपूर्ण जानकारी दे रहे है|

Kedarnath Temple केदारनाथ धाम की यात्रा में कब जाएं?

केदारनाथ धाम जाने के लिये मई से अक्टूबर के महीने को सबसे अच्छा माना जाता है| क्योंकि इस दौरान मौसम काफी अच्छा रहता है| बर्फ गिरने  के कारण केदारनाथ के मूल निवासी भी सर्दियों में पलायन कर जाते हैं। वैसे भी ये मंदिर केवल गर्मियों में ही खुलता है। हर साल मंदिर खुलने में और बंद होने में कुछ दिनों को फर्क होता है| क्योंकि इसके लिए मुर्हूत निकाला जाता है हिंदी पंचांग के अनुसार होता है। कपाट खुलने की तिथि अक्षय तृतीय और बंद होने की तिथि दीवाली के आसपास की होती है। बरसात के मौसम में जाना यहां ठीक नहीं होता क्योकि इस दौरान लैंड स्लाइडिंग का खतरा बढ़ जाता है| और सड़के बंद हो जाती है|

Kedarnath Temple केदारनाथ कैसे पहुंचे?

केदारनाथ यात्रा कैसे करे , कहाँ रुके , कब जाये और साथ में केदारनाथ जाने का खर्चा कितना होगा| आपके पास केदारनाथ मंदिर आने के लिए 3 आप्शन है| केदारनाथ मंदिर आने के लिए आप भारत के इन शहरों में से हरिद्द्वार, ऋषिकेश, देहरादून, दिल्ली,  किसी भी रेलवे स्टेशन से आप केदारनाथ धाम पहुच सकते है| तो आइये सबसे पहले जाने का क्या माध्यम है, उसके बारे में जानते है|

दिल्ली से Kedarnath Temple केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे?

ट्रेन के माध्यम से – केदारनाथ पहुंचने का दूसरा सबसे आसान रास्ता दिल्ली से है। दिल्ली से केदारनाथ की दूरी 452 किलोमीटर है। यहां से आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन के जरिए हरिद्वार या देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। फिर आप बाकी की यात्रा खुद की सुविधा अनुसार से कर सकते हैं।

फ्लाइट के माध्यम से – अगर आप फ्लाइट से केदारनाथ जाना चाहते हैं तो आपको दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से देहरादून एयरपोर्ट जाना होगा। यहां से आप बाकी की यात्रा बस या टैक्सी के जरिए कर सकते हैं।

बस के माध्यम से – दिल्ली के कश्मीरी गेट से आप केदारनाथ जाने वाली कोई भी बस बुक कर सकते हैं। दिल्ली से बस का किराया 750 रुपये है। या आप किसी भी बस बुकिंग मोबाइल एप से ऑनलाइन बस बुक भी कर सकते हैं। दिल्ली से बस से जाने में आपको 10 घंटे लग सकते हैं।

हरिद्वार से केदारनाथ धाम कैसे पहुचे?

बस या टैक्सी के माध्यम से – केदारनाथ मंदिर पहुंचने का सबसे आसान रास्ता हरिद्वार से है। हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी 247 किलोमीटर है। यहां से आप बस या टैक्सी से 8 घंटे में केदारनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं। बस आपको पहले सोनप्रयाग ले जाएगी। सोनप्रयाग के लिए बस का किराया 350 रुपये है। आपको हरिद्वार या ऋषिकेश से एक दिन पहले ही अपनी बस की टिकट खरीद लेनी चाहिए। आप बस स्टॉप पर बस काउंटर से अपना टिकट आसानी से खरीद सकते हैं।

हेलीकॉप्टर के माध्यम से –  केदारनाथ पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर से आपको हरिद्वार से फाटा पहुंचना होगा। हरिद्वार से फाटा की दूरी 218 किमी है, यहां से आप एक राउंड ट्रिप के लिए 6000 रुपए किराए के साथ हेलीकॉप्टर से केदारनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं। आप हेलीकॉप्टर के लिए टिकट ऑफलाइन और ऑनलाइन  भी बुक कर सकते हैं।

देहरादून से केदारनाथ कैसे पहुंचे?

देहरादून से केदारनाथ की दूरी 265 किमी है। यहां से आप बस या टैक्सी के जरिए आसानी से सोनप्रयाग पहुंच सकते हैं। आपको बस को दो बार बदलना पड़ता है| सोनप्रयाग 5 किलोमीटर दूर है, आप घोड़े या टोकरी का उपयोग कर सकते हैं। 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद आप केदारनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं।

गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा

आज आप गौरीकुंड से Kedarnath Mandir के लिए यात्रा शुरू करेंगे, और कोशिश करें की आप केदारनाथ की यात्रा सुबह जल्दी शुरू कर दें। तो गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने में आपको 7 से 8 घंटे का समय लगेगा और यह समय पर निर्भर करता है| इस यात्रा में आपको समय समय पे चाय नास्ता भी मिल जाएगा| आप आज प्रकृति के शानदार नजारो के साथ गरमा गर्म चाय का मज़ा उठाए|  और श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करें|

और आज की रात केदारनाथ में ही रुकें यहां आपको रुकने के लिए GMVN के टेन्ट मिल जाएंगे आप यहां रुक सकते हो और इसकी बुकिंग आपको ऑनलाइन करानी पढ़ती है इस टेन्ट का शुल्क 400 रुपए होगा। आप यहां रात रुके और यहां के वातावरण का मज़ा उठाए।और अगर आप यहां नहीं रुकना चाहते हो तो आप दर्शन करने के बाद वापिस नीचे उतर सकते हो। लेकिन अगर आप रुक सकते हो तो यहां जरूर रुके।

Kedarnath Temple केदारनाथ धाम की फेमस कुंड

Kedarnath Temple केदारनाथ मंदिर और प्राचीन कुंडों का आपस में सीधा संबंध हैं। केदारनाथ में हर कुंड की अपनी अलग महिमा है। रेतस कुंड के पास भगवान श‌िव का नाम जपने पर पानी में बुलबुले उठते थे। अमृत कुंड के पानी को लोग शुद्घता के ल‌िए प्रयोग करते थे। रेतस, हंस, उदक, अमृत और हवन कुंड जैसे पव‌ित्र और रहस्यों से भरे इन कुंडों में केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की अस्‍था से जुड़ी हुई है। काफी खोज बीन के बाद हालांक‌ि उदक और अमृत कुंड के कुछ अंश ही द‌िखाई द‌िए।

बाबा केदारनाथ के गंगनानी कुंड है, चमत्कारी

धार्मिक मान्यता है कि इस कुंड में स्नान से यम यातना से मुक्ति मिलती है| बताया जाता है कि इस कुंड के पानी में गंधक की मात्रा काफी ज्यादा है| इस वजह से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की इस कुंड में स्नान के लिए भीड़ जुटती है|

 

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