Kedarnath Dham Temple: जाने केदारनाथ रहस्यमय मंदिर का दरवाजा 06 महीने तक बंद क्यों रहता है

पुरे भारत में सबसे मिसटिरियस मंदिरों में से एक माना जाता है Kedarnath Dham Temple मंदिर भारत के उतराखंड राज्य के रूद्र प्रयाग जिले में स्थित है| और इसे दुनिया का सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक माना जाता है| हमारे हिन्दू धर्मो के सभी तीर्थ स्थलों में इसे सबसे सुद्ध माना जाता है| और ऐसा भी माना जाता है की जो लोग जाकर Kedarnath Dham Temple में पूजा कर पाते है, वो बहुत भग्यशाली होते है| Kedarnath Dham Temple में ज्यादा लोग नहीं जा पाते है|

केदारनाथ मंदिर को कब, और किसने बनवाया किसी को नहीं पता| हा ये अलग बात है कि धर्मो और शास्त्रों में ये लिखा गया है कि इसको पांडवो ने बनवाया था| लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है| की इसे बनवाया किसने था| एक ये भी मिसटिरियस बात है कि जो केदारनाथ मंदिर में पत्थर लगे हुए है| वो इतना सटीक और इंटर लौकिंग कैसे हो सकते है| और इस मंदिर को ऐसा बनाया गया है की कोई आंधी या तूफ़ान इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है|

Kedarnath Dham Temple
Kedarnath Dham Temple

Kedarnath Dham Temple (केदारनाथ मंदिर) के महिमा बारे में जाने

केदारनाथ मंदिर में दर्शन करने से ही भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं| और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है| भगवान शिव के इसी चमत्कारिक धाम के दर्शन करने के लिए लाखो श्रधालुओ वहां पहुचते है|

Kedarnath Temple में भू-शिवर्लिंग की पूजा की जाती है| और ऐसा बताया जाता है, कि यहां शिवलिंग की उत्पत्ति अपने आप जमीन में हुई थी| इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था और यहां शिव जी ने उन्हें बैल के रूप में दर्शन दिया था|

केदारनाथ का मंदिर हमेशा बर्फ से ढका रहता है| और यहाँ  के खराब मौसम की वजह से मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं| मंदिर के पट बंद करने से पहले पुजारी विग्रह और दंडी को नीचे ले जाते हैं|

दंडी को नीचे ले जाने में मंदिर परिसर की सफाई करके यहां पर दीपक जला देते हैं| इसमें हैरान करने वाली बात ये है, कि ये मंदिर 6 महीने बंद रहने के बाद भी इसके दोबारा खोले जाने पर दिया वैसा ही जलता हुआ दिखाई देता है|

मंदिर में एक छोटा सा दिया 6 महीने तक लगातार कैसे जलता है, ये बात ही हैरान करने वाली है| क्योंकि शीत लहर की वजह से मंदिर के कपाट बंद रहते हैं और फिर ये दीपावली के दूसरे दिन ही खुलते हैं| ऐसे में परिंदा भी पर नहीं मार सकता तो इंसान कैसे इसके अंदर दिया जला सकता है| मंदिर की एक और दिलचस्प बात ये है| कि इस मंदिर में भगवान शिव अपने सच्चे भक्तों को साक्षात्कार दर्शन देते हैं, इसलिए उन्हें जागृत महदेव के नाम से भी जाना जाता है|

भगवान शिव की माया

पुराणों के अनुसार भगवान शिव का एक भक्त बहुत मुश्किल से केदारनाथ में भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचा लेकिन कपाट बंद हो गए थे| भक्त ने कपाट दोबारा खोलने की बात कही लेकिन पुजरियों ने मना कर दिया|

भक्त ने पुजारियों से जिद की लेकिन उन्होंने कपाट नहीं खोले और वो जिद पर अड़ गया|

तभी वह भक्त  महीनों तक वहीं इंतजार करने की बात कही और भूखे-प्यासे वहीं लेट गया| अचानक उसे नींद आ गई और वो 6 महीनों तक सोता रहा|

ऐसा बताया जाता है कि जब वो भक्त सो रहा था तब वहां एक वैरागी ने दर्शन दिया| इसके बाद जब वो भक्त उठा तो उसने देखा कि मंदिर के कपाट खुल रहे हैं और इसी में पुजारी ये सारी लीला समझ गए|

पुजारियों ने ये समझा कि भोलेनाथ से मिलने आया ये व्यक्ति दर्शन के लिए इतना व्याकुल था, कि भगवान शिव ने खुद उसे दर्शन दिए| वे मंदिर खुलने पर दर्शन कर सके इसलिए उसे 6 महीनों की नींद दे दी| शिव जी की महिमा के चलते ही उन्हें जागृत महादेव के नाम से भी पहचाना जाता है|

Kedarnath Dham Temple
Kedarnath Dham Temple

Kedarnath Dham Temple कब आया था सुनामी

Kedarnath Dham Temple में 16 जून सन 2013 को इतना बड़ा सुनामी और तूफ़ान आया था| उसमे बहुत सारे जो बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे थी वो डूब गयी, कई गिर गयी  थी| पर केदारनाथ मंदिर को कुछ भी नहीं हुवा| वो पूरा मंदिर वैसे ही खड़ा रहा और पूरा मंदिर पानी से डूब गया था, लेकिन उस मंदिर को कुछ नहीं हुवा| और हैरान कर देने वाली बात ये है, उसी बारिश में जब मंदिर के पास बहुत सारा पानी भर गया था| तब बहुत बड़ा पहाड़ जैसे पत्थर आया, और मंदिर के पीछे के पानी के धारा को दो बहाव में कर दिया| और मंदिर को सेफ कर दिए| जब बड़ी-बड़ी इमारते डूब गयी, टूट गयी लेकिन केदारनाथ मंदिर को कुछ नहीं हुवा तो है न ये रहस्यमय वाली बात| इसलिए केदारनाथ मंदिर को लोग इतना मानते है| क्योकि  वंहा पर भगवान शिव जी खुद साक्षात् विद्यमान है|

Kedarnath रेतस कुंड (Retas kund) के बारे में जाने

Kedarnath Dham Temple रेतस कुंड भी बहुत रहस्यमय है, जब कोई ॐ ॐ का जाप करने लगते है, तब उस रेतस कुंड से बुलबुले, निकलने लगते है| और रिसर्च करने में नहीं पता चल पाया की ऐसा क्यों होता है,आखिर जब वंहा पर ॐ ॐ का नाम बोला जाता तब वंहा पर बुलबुले ही क्यों निकलते है| तो बहुत ही रहस्यमय है रेतस कुंड औए वंहा पर भी भगवान शिव का बहुत बड़ी माया है|

Kedarnath Dham Temple आखिर 6 महीने क्यों बंद रहता है केदारनाथ का मंदिर ?

Kedarnath Dham Temple मंदिर धाम सहित ऋतू में 6 महीने चालू रहता है, और 6 महीने बंद रहता है| और ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है| चार धामों में से एक बाबा केदारनाथ (Baba Kedarnath) मंदिर के दरवाजे 6 महीने बंद और 6 महीने बाद पट खोल दिए जाते हैं। जब 6 महीने बंद रहता है, तो यह कुछ अजीब चीजे होती है|

यहाँ के लोग ये महसूस करते है| 6 महीने तक जब वो मंदिर बंद कर देते है| तो वंहा पर किसी का भी जाना मना रहता है| और उसकी पट सीधा 6 महीने बाद खुलती है, और 6 महीने तक वो मंदिर में साफ सफाई भी नहीं होती, जब तक वो बंद रहता है| और यहाँ एक बार जो दीपक जलाकर पट बंद कर देते है, वो दीपक 6 महीने तक जलता ही रहता है|

Kedarnath Dham Temple जब 6 महीने बाद मंदिर खुलती है तो जाहिर सी बात है 6 महीने सफाई नहीं करने पर मंदिर में गन्दगी तो आयगी लेकिन यहां ऐसा बिलकुल भी नहीं है| तो, जैसे ही मंदिर को पंडित लोग साफ सुथरा रखे रहते है| बिलकुल वैसे ही मंदिर की पट खोलने के बाद देखने को मिलता है| लोगो का मानना ये है, कि भगवान् लोग आते है|

अपना पूजा पाठ करते है, उसके बाद वो चले जाते है| यही कारण है, की यहाँ दीपक भी जलता रहता और साफ सुथरा भी रहता है| यहा पर भगवान का दिव्य शक्ति है , केदारनाथ मंदिर में इसलिए यह मंदिर हिन्दू धर्म का सबसे प्रसिद्ध और फेमस मंदिर है| जिसकी मान्यता दूर दूर तक चलता आ रहा है| जो केदारनाथ मंदिर का दर्शन कर लेते है, समझो उनके पाप धुल जाते है| यह मंदिर 4 सौ सालो तक बर्फ में दबा रहा और यह मंदिर 1000 साल पुराना है|

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