Happy Raksha Bandhan 2022 : बहना ने भाई के कलाई से प्यार बांधा है

Happy Raksha Bandhan 2022 : बहना ने भाई के कलाई से प्यार बांधा है, भाई-बहन मिलकर करे इस रक्षा-बंधन को सेलेब्रेट

Happy Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन का यह त्योहार भाई-बहनों के लिए एक प्यारा सा पल है, जो भाई- बहन के रिश्ते को और मजबूत बना देते है| भाई-बहन का रिश्‍ता दुनिया के खूबसबरत रिश्तों में से एक है| इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। बहन अपने भाई को राखी बांधती है और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है। इस साल राखी का ये पर्व 11 और 12 अगस्त 2022 दोनों दिन बड़ी धूम-धाम से मनाया जाएगा|

ऐसे में आप राखी पर अपने भाई-बहन को प्यार भरे शुभकामनाएं भेज सकते हैं| रक्षा बंधन के त्योहार में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षाबंधन के अवसर पर आप अपने बहन-भाई को ये खास गिफ्ट या गाने भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं| और ये भाई-बहन का बेस्ट बोन्डिंग बनाने का खास दिन भी होता है| आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि आप रक्षाबंधन पर अपने भाई-बहन को कौन-से प्यार भरी शुभकामनाएं सॉंग भेज सकते हैं| तो सभी भाई-एवं बहनों को राखी की हार्दिक शुभकामनाये #HappyRakshabandhan|

Happy Raksha Bandhan 2022 ऐसे भेजे रक्षाबंधन विशेष

बहना ने भाई की कलाई से

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है

 प्यार के दो तार से, सँसार बाँधा है

 रेशम की डोरी से

 रेशम की डोरी से सँसार बाँधा है(1)

 सुंदरता में जो कन्हैया है

 ममता में यशोदा मैय्या है

 वो और नहीं दूजा कोई

 वो तो मेरा राजा भैया है

 बहना ने भाई…(2)

मेरा फूल है तू, तल्वार है तू

मेरी लाज का पहरेदार है तू

मैं अकेली कहाँ इस दुनिया में

मेरा सारा सँसार है तू

बहना ने भाई…(3)

हमें दूर भले किस्मत कर दे

अपने मन से न जुदा करना

सावन के पावन दिन भैया

बहना को याद किया करना

बहना ने भाई…(4)

इस तरह बहन अपने भाई को बेस्ट विशेष भेज सकते है| यह भाई बहन की प्यार और रिश्ता को मजबूत बनाता है| और रक्षा-बंधन को अच्छे से इंजॉय कर सकते है| वो बचपन की प्यार और अपने भाई के साथ की दोस्ती को हमेसा भाई-बहन के बिच बरक़रार रखकर रक्षा बंधन में भाई अपने बहन को साडी उम्र रक्षा करने की वचन देते है|

Happy Raksha Bandhan 2022 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कोई भी व्रत-त्योहार,धार्मिक अनुष्ठान और मांगलिक कार्य हमेशा शुभ तिथि नक्षत्र और मुहूर्त को ध्यान में रखकर किया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भी पुरे विधि-विधान से एस साल अपरान्ह काल में करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल का विचार अवश्य ही किया जाता है। रक्षाबंधन के दिन अगर भद्राकाल है उसमें राखी नहीं बांधी जाती है। भद्राकाल को अशुभ समय माना गया है। इसके अलावा इस दिन शुभ मुहूर्त और चौघडिया मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होता है।

राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त और शुभ मुहूर्त गुरुवार 11 अगस्त की शाम से शुरू होकर शुक्रवार 12 अगस्त तक रहेगा|  द्रिक पंचांग के अनुसार भाई-बहन रात 08:51 बजे से रात 09:13 बजे तक राखी बांध सकते हैं| इसके अलावा 12 अगस्त को भद्रा भी नहीं है|

  • शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को रात 8. 25 मिनट से 9. 45 तक
  • अभिजीत मुहूर्त- 11. 37 मिनट से 12. 29 मिनट तक
  • प्रदोष काल मुहूर्त- 08:53 मिनट से 09:14 मिनट तक
  • भद्राकाल का आरंभ- सुबह 10.38 मिनट से रात 8.25 तक
  • भद्रा का समापन- 08.51 मिनट पर
  • भद्रा पूंछ- 05.17 मिनट से 06.18 मिनट तक
  • भद्रा मुख- 06. 18 मिनट से 08.00 मिनट तक

Happy Raksha Bandhan 2022 जाने पूजा विधि

रक्षाबंधन का इंतजार बहन और भाई को साल भर से रहता है। तो आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन कैसे भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधें आइए जानते है रक्षाबंधन पूजा विधि। रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले स्नान करके भगवान की पूजा-आराधना करें और अपने-अपने इष्टदेव को रक्षासूत्र बांधे। पूजा के बाद बहनें राखी की थाली सजाएं।
पूजा की थाली में रोली, अक्षत,कुमकुम, रंग-बिरंगी राखी, दीपक और मिठाई रखें। शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए बहनें भाईयों के माथे पर चंदन, रोली और अक्षत से तिलक लगाएं। इसके बाद भाई के दाएं हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और भाई को मिठाई खिलाएं। अंत में बहनें भाई की आरती करते हुए अपने इष्टदेव का स्मरण करते हुए भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करें।

क्यों मनाया जाता है रक्षा-बंधन

शास्त्रों में रक्षाबंधन को मनाए जाने के पीछे कई तरह कथाओं का वर्णन मिलता है। इसी युद्ध के समय कुंती ने भी अपने पौत्र अभिमन्यु की कलाई पर सुरक्षा के लिए राखी बाँधी रक्षाबंधन को लेकर महाभारत में कृष्ण भगवान और द्रौपदी की बीच एक प्रसंग का वर्णन मिलता है। महाभारत के अनुसार एक बार भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लग गई थी। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का हिस्सा फाड़कर भगवान श्रीकृष्म की उंगली पर बांधा था। तब भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को हमेशा रक्षा करने का वचन दिया था। तभी से हर वर्ष सावन पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। सावन पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी ने राजा बली की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा था। इसके बाद राजा बली ने भगवान विष्णु को वापस बैकुंठ धाम भेजने का वचन दिया था। इसके अलावा इंद्र की पत्नी ने इंद्र को ही राखी बांधी थी और यम को उनकी बहन यमुना ने रक्षा सूत्र बांधी थी।

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