UPSC 2024 IAS Selection Process: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए देश में आईएएस अधिकारियों का चयन किया जाता है. आईएएस बनने के बाद किस पद पर पहले तैनाती होती है और किसी आईएएस की तैनाती कैसे कबिनेट सचिव के पद पर की जाती है. आईएएस का तीन चरणों में किया जाता है. पहला प्रारंभिक परीक्षा, दूसरा मुख्य परीक्षा और फिर लास्ट में इंटरव्यू. इन सभी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैंडिडेट की आईएएस बनते हैं.
आइए जानते हैं कि आईएएस अधिकारी की तैनाती पहले किस पोस्ट पर होती है और वह कब डीएम बनते हैं. देश के विभिन्न राज्यों में सैकड़ों आईएएस अधिकारी अलग-अलग पदों पर तैनात होते हैं. डीएम बनने से पहले आईएएस अधिकारी को कई पदों पर काम करना होता, जिसकी उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.
IAS की ट्रेनिंग कहां होती है?
सबसे पहले 4 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसे फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है. इसी दौरान IAS अफसरों को प्रशासन की बुनियादी बातों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने गए IAS अधिकारियों को सबसे पहले ट्रेनिंग के लिए उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है.
IAS पहले चरण की ट्रेनिंग?
पहले चरण की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें 40 से 45 दिनों तक भारत दर्शन कराया जाता है. साथ ही 15 हफ्ते का एकेडमिक मॉड्यूल भी इसी चरण में शामिल होता है. उसके बाद इनकी जिलों में ट्रेनिंग होती है. इस दौरान ट्रेनी IAS अधिकारियों को किसी भी जिले में भेजा जा सकता है. वहां ये अलग-अलग पदों पर काम करते हैं.
IAS दूसरे चरण की ट्रेनिंग?
पहले चरण के प्रशिक्षक के बाद ट्रेनी IAS वापस LBSNAA पहुंचते हैं और उनकी दूसरे चरण की ट्रेनिंग शुरू होती है, जो छह सप्ताह से लेकर दो महीने तक की होती है. इस दौरान जिले में ट्रेनिंग के दौरान मिले अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं फिर इनकी असिस्टेंट सेक्रेटरीशिप शुरू होती है. इसके लिए ट्रेनी IAS को केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम करना होता है.
IAS की किस पद पर पहले होती है तैनाती?
अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां किसी भी IAS अफसर को सीडीओ के रूप में लगभग तीन साल तक काम करना होता है. हर जिले में सीडीओ का एक ही पद होता है और यह डीएम के बाद जिले का दूसरा सबसे बड़ा पद होता है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद IAS अधिकारियों को जिलों में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर यानी सीडीओ के रूप में तैनाती मिलती है.
IAS कैसे बनते हैं कमिश्नर
डीएम के पद पर काम करते हुए IAS अधिकारियों को कमिश्नर या सचिव के पद पर पदोन्नति मिलती है. ये दोनों ही पद समकक्ष होते हैं. राज्यों में यही अधिकारी आगे चलकर अलग-अलग विभागों के प्रमुख सचिव बनते हैं और गिने-चुने IAS अफसर मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटरी) के पद तक पहुंचते हैं, जो हर राज्य में एक ही होता है और राज्य में शासन का सबसे बड़ा पद होता है.
कैसे बनते हैं कैबिनेट सचिव?
कैबिनेट सचिव का पद देश में आईएएस अधिकारियों का सबसे बड़ा पद होता है. यह सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करता है. कुल IAS अफसरों में से गिने-चुने ही कैबिनेट सचिव के पद तक पहुंच पाते हैं. इसके लिए सबसे जरूरी होता है कि रिटायरमेंट से पहले अफसर इस पद के लायक हों. यानी करीब 25 साल की उम्र में अगर कोई IAS बन जाता है, तभी उसके कैबिनेट सचिव के पद तक पहुंचने की उम्मीद होती है. इस पद पर तैनाती के लिए सरकार सभी पहलुओं की कड़ाई से जांच करती है.