Pichola Lake : उदयपुर के पश्चिम में पिछोला गांव के निकट में उपस्थित इस पिछोला झील का निर्माण राणा लखा के काल में 14वी शताब्दी के अंत में किसी पिच्छू छीतरमल बंजारे ने करवाया था। यह झील मीठे पानी की कृत्रिम झील है, यह झील शहर की सबसे बड़ी और पुरानी झीलों में से एक है।
पिछोला झील, यहाँ आने वाले लाखों पर्यटकों को अपनी शांति और सुंदरता वजह से आकर्षित करती है।और यह झील 696 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैली है।इसकी अधिकतम गहराई 8.5 मीटर है। महाराणा उदयसिंह ने 1559 में उदयपुर शहर के निर्माण के बाद इस झील का विस्तार करवाया था। उत्तर की तरफ स्नान घाट और झील के पीछे में घूमने का स्थल मन को सम्मोहित कर देता है। राजस्थान का सबसे बड़ा राजप्रसाद इस पिछोला झील के किनारे स्थित है। और इसे सिटी पैलेस भी कहा जाता है।
Pichola Lake का निर्माण
पिछोला झील का निर्माण राणा लखा के काल में 14वी शताब्दी के अंत में किसी पिच्छू छीतरमल बंजारे ने करवाया था। यह झील मीठे पानी की कृत्रिम झील है। और और इसकी अधिकतम गहराई 8.5 मीटर है। जिन वर्षो में झील के आसपास का क्षेत्र विकसित किया गया है, उसी समय मंदिरो और महलों का निर्माण भी किया जाने लगा है। मेवाड़ की राजनगरी उदयपुर के राजप्रसादो की दीवारों से पिछोला झील की टकराती लहरों का आनंद लेने में एक अलग ही खुशी होती है। जिसका निर्माण जगत सिंह ने 1628 और 1652 के बीच करवाया था।
Pichola Lake का इतिहास
पिछोला झील राजस्थान के उदयपुर जिला के सबसे प्रसिद्ध झील है। 1560 में, महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने उदयपुर की अपनी नई राजधानी का निर्माण शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने बांध को मजबूत किया और झील का विस्तार किया। महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने रक्षा कवच के रूप में भव्य लेक पिछोला को उदयपुर में स्थापित किया।
पिछोला झील एक कृत्रिम झील है जिसे 1362 ईस्वी के वर्ष में बनाया गया था और उदयपुर में घूमने के लिए लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है। इसका निर्माण एक बंजारा आदिवासी, पिच्छू बंजारा ने किया था, जो महाराणा लाखा के शासनकाल में अनाज का परिवहन करते थे। पिछोला’ शब्द का मलतब होता है ‘पिछवाड़े’ है और झील का नाम पास के एक गांव ‘पिछोली’ के नाम पर रखा गया था। इस झील के पास कुछ प्रसिद्ध पैलेस में जग निवास, मोहन मंदिर और जग मंदिर महल हैं।
Pichola Lake घूमने की जगह
Pichola Lake (पिछोला झील) के किनारे स्थित राजमहलो को फर्ग्यूसन विंडर महलों की संज्ञा दी है। यहाँ के पानी में नाव की सवारी करना आपको एक यादगार अनुभव दे सकता है। नाव सवारी के लिए आपको फीस देनी पड़ती है जिसका टिकट आप सिटी पैलेस से प्राप्त कर सकते हैं। व्यस्क के लिए नाव सवारी की एक टिकट की कीमत 400-600 रुपये और बच्चों के लिए 200 रूपये है। यहां नाव में लगभग आठ सीट होती है और यह छतरी के साथ कवर होती है।नाव की सवारी रामेश्वर घाट से शुरू होती है और यह आपको सबसे पहले लेक पैलेस होटल लेकर जाती है।
इस झील की टापुओं पर बने जगमंदिर महल और जगत निवास महल बने हुए है। वहां पर घूमने के लिए अरावली पर्वत, मनभावन कृत्रिम झील के मध्य जगनिवास नमक सुंदर महल स्थित है। इसका निर्माण जगत सिंह द्वितीय ने कराया था। हमारे देश दुनिया में सबसे खूबसूरत है, यह जगह यहां पर आपको देखने और घूमने के लिए बहुत सारे शाही और इतिहासिक इमारते है। यहां की नजारा बहुत ही शानदार और दुर्लभ दिखाई देता है।
पिछोला झील का फेमस जगह
- लेक पैलेस
- मोहन मंदिर
- अरसी विलास
- सिटी पैलेस
- स्वरूप सागर ब्रिज
- गणगौर घाट
- चबुतरास
Pichola Lake में घूमने का सही समय
वैसे तो हम ये कह सकते है, किसी जगह को घूमने से पहले उनके आस पास की जगह की जानकारी रखना बहुत ज़रूरी होता है। क्योंकि हमारा प्लान जब घूमने का बनता है, तो हम यही सोचते है, कि हम कौन से जगह घूमने जाए तो आपका ये कंफ्यूजन हम दूर कर रहे है। गर्मी के मौसम में उदयपुर में का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है।
इसलिए मार्च से लेकर जून के बीच इस पर्यटक स्थल की यात्रा करने से आपको बचना चाहिए। यहां मानसून का मौसम जलाई के महीने से शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। आप चाहे तो नवंबर और दिसम्बर में ही जा सकते है। मगर अभी ठंड थोड़ा ज्यादा पड़ेगा। इस मौसम में आप पिछोला झील के शानदार नजारों का मजा ले सकते हैं। मानसून के मौसम में उदयपुर का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्यिस के बीच रहता है इसलिए यह समय झील की यात्रा करने का एक सही समय रहता है। और आपको सन राइस देखने का भी मजा आएगा।
Pichola Lake प्रवेश शुल्क और समय
Pichola Lake (पिछोला झील) का समय सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक होती है। पिछोला झील में नौका विहार के लिए, खुलने का समय सुबह 10:00 बजे और समापन का समय शाम 5:00 बजे है।
- पिछोला झील में नाव की सवारी के लिए वयस्कों के लिए 400 और बच्चों के लिए 200 रुपये है।
- सनसेट बोट की सवारी के लिए, वयस्कों के लिए टिकट शुल्क 700 रुपये और बच्चों के लिए 400 रुपये है।
Udaipur Rajasthan की फेमस फूड
उदयपुर राजस्थान का एक आकर्षक शहर है जो अपने कई पर्यटन स्थलों की वजह से काफी लोकप्रिय है। आइए आपको Udaipur Rajasthan की फेमस फूड के बारे में बताने जा रहें है। अगर आप भी उदयपुर जायेंगे तो वहां पर इन चीजों का मजा लेना मत भूलना।
- 1 दाल बाटी चूरमा – राजस्थान की सबसे खास डिश दाल-बाटी चूरमा पूरे विश्व में काफी मशहूर है
- 2 गट्टे की सब्जी – उदयपुर राजस्थान की सबसे ज्यादा फेमस है, वो है गट्टे की सब्जी वहां जाकर एक बार जरूर ट्राई करे।
- 3 कुल्हड़ काफी – उदयपुर में कुल्हड़ काफी की बात ही कुछ हटके है। चॉकलेट सॉस और पाउडर के साथ कुल्हड़ में मिलने वाली ये कॉफी बेहद ख़ास है।
- 4 कचौरी – अगर आप उदयपुर में घूमने आए हैं तो याद रहे की कचौड़ी खाना कभी न भूलें।
- 5 पानी पूरी – पानी पुरी को स्ट्रीट फूड में राजा की उपाधि प्राप्त है तो आप ये कहीं की भी खाएं लेकिन अगर आप उदयपुर में मौजूद है वहां जाए तो जरूर खाएं
- 6 अंडा भुर्जी – अण्डा भुर्जी उदयपुर के सबसे मशहूर खाने में से एक हैं।
Pichola Lake ट्रेन, फ्लाइट और बस से कैसे पहुंचे
उदयपुर राजस्थान पहुंचने के बाद आपको कही से भी बस ऑटो या टैक्सी मिल जाएगी। स्थानीय बसें शहर के विभिन्न हिस्सों से झील तक जाती हैं।उदयपुर हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उदयपुर का निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है जो शहर के केंद्र से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। इस हवाई अड्डे से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जयपुर जैसे प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें संचालित होती हैं। लेकिन आपको ये जानना पड़ेगा की आप ट्रेन से या फ्लाइट से या बस से आ रहे है तो आपको अपने चूस किए हुए जगह पर जान की आसानी होगी।
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