आजादी के 22 साल बाद महात्मा गांधी का चित्र भारतीय नोटों यानी कागज पर मुद्रित भारतीय करेंसी पर आया. फिलहाल नोटों पर गांधीजी की छवि अंकित होती है. लेकिन गांधी अकेले नहीं हैं, जिनकी तस्वीर भारत में प्रचलित नोटों में आई है. इन नोटों पर कई शख्सियतों की तस्वीरें आ चुकी हैं.
साल 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद यही माना जा रहा था कि ब्रिटेन के राजा की जगह अब नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर लगेगी. इसके लिए डिजाइन भी तैयार कर लिए गए थे. लेकिन आखिर में इस बात पर सहमति बनी कि महात्मा गांधी की तस्वीर के बजाय करेंसी नोट पर अशोक स्तंभ छापा जाना चाहिए
- पुडुचेरी भी 1954 तक फ्रांस का उपनिवेश था. वहां जो नोट छपते थे, उस पर फ्रांस के किंग की तस्वीर होती थी. लेकिन इसके आठ साल बाद तक भी पुडुचेरी स्वायत्त था. 1964 के बाद यहां पूरी तरह भारतीय नोटों का प्रचलन शुरू हुआ. फ्रांसीसी सरकार भी पुडुचेरी में जो नोट जारी करती थी, उसे रूपई कहा जाता था.
- भारत की आजादी के समय और उसके बाद भी गोवा पुर्तगाल के अधीन था. तब गोवा में पुर्तगाल इंडिया के नाम से नोट छपते थे. जिन्हें एस्कुडो कहा जाता था. इस पर पुर्तगाल के राजा किंग जार्ज द्वितीय की तस्वीर होती थी.
- 1917 तक भारत में कई रियासतें अपनी मुद्रा कागज पर छाप रही थीं. हैदराबाद के निजाम को अपने खुद के नोट छापने का अधिकार था. इसी तरह कच्छ रियासत में भी ऐसा ही हो रहा था.
- आजादी के बाद पहली जब भारत ने 1949 में नोटों को छापना शुरू किया तो किंग जार्ज की फोटो उस पर से हटा दी गई. उसकी जगह अशोक के स्तंभ को उसमें शामिल किया गया.
- 1935 में भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई. इससे पहले और आजादी तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत में तमाम मूल्यों के नोट छापता था, जिस पर ब्रिटेन के किंग जार्ज की तस्वीर होती थी.