Lok Sabha Election: क्या आपको पता है जब ईवीएम से जब काउंटिंग की जाती है तो क्यों कुछ वोट घटा दिए जाते हैं

क्या आपको मालूम है कि जब चुनावों में काउंटिंग होती है तब ईवीएम मशीनों से कुछ वोट घटाए भी जाते हैं. बकायदा इसका जिक्र फिर रिकॉर्ड्स में किया जाता है. ये आज से नहीं हो रहा है बल्कि जब ईवीएम पर वोटिंग का काम शुरू हुआ तब से हो रहा है. यह भारतीय चुनाव आयोग की सबसे जरूरी दस्तावेज फॉर्म 17 सी में इसके लिए एक कॉलम बना होता है.

जब चुनाव होते हैं तो हर बूथ को उसके यहां मौजूद वोटर्स के हिसाब से ईवीएम यानि इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें मिलती हैं. साथ ही 02-05 मशीनें रिजर्व के तौर पर भी दी जाती हैं ताकि अगर कोई मशीन नहीं चले तो रिजर्व मशीन को इस्तेमाल में लाया जाए.

जब इसमें इतने वोट डल जाते हैं तो मशीन एक खास बीप के जरिए बताती है कि इसमें सारे वोट पड़ चुके हैं. अब इसे बदलना होगा क्योकि एक ईवीएम मशीन में करीब 2000 वोट डाले जा सकते हैं हम सभी जब वोट देने जाते हैं तो बटन दबाते ही हमारा वीवीपैट मशीन की स्क्रीन पर नजर आता है. 

क्या आपने कभी गौर किया कि ईवीएम मशीनों को कैसे स्टार्ट किया जाता है और स्टार्ट करके कैसे देखा जाता है कि वो प्रापर्ली काम कर रही हैं या नहीं. हमने आपसे जो बात ऊपर की है, उसका जवाब इसी में छिपा है. टेस्ट करने के लिए उसमें दो से लेकर 05 वोट तक मतदान अधिकारी खुद बटन दबाकर डालते हैं.

ईवीएम मशीन में किस वोट को घटाया जाता है?

यही वो वोट होते हैं, जिन्हें काउंटिंग के समय घटा लिया जाता है. जिस पार्टी के उम्मीदवारों के वोट इस तरह डाले जाते हैं, उन सभी को घटाया जाता है. जब भी वोटिंग के दौरान नई ईवीएम मशीन लगती है, ये प्रक्रिया पूरी की जाती है. इसमें 05-10 मिनट लग सकते हैं. भारतीय चुनाव आयोग हर बूथ के लिए फॉर्म 17 सी जारी करता है, जिसमें वोटिंग से संबंधित सारी डिटेल भरनी होती है.

फॉर्म 17 सी में एक कॉलम ये भी होता है, जिसमें ये दर्ज करना होता है कि ईवीएम को टेस्ट करते समय कितने वोट डाले गए. ये वोट किस पार्टी के पक्ष में पड़े. इसी वोट को घटाया जाता है. फॉर्म 17 सी में ये जिक्र साफ साफ किया जाता है कि ये वोट घटाने हैं. इसी वजह से हर ईवीएम के कुछ वोट घटा दिए जाते हैं.

चलिए जानते है क्या होता है फॉर्म 17 सी

हर पोलिंग बूथ पर प्रिसाइडिंग अफसर को एक फॉर्म दिया जाता है, जिसे उसे आनलाइन ही भरना होता है. ये काम वोटिंग की प्रक्रिया खत्म होने के तुरंत बाद ही करना होता है. अगर आप इस चित्र को देख रहे हैं तो इसमें कई चीजें भरनी होती हैं, जिससे ये साफ हो जाता है कि कितने लोगों ने वोटिंग की, कितने वोट करने नहीं आए और कितने लोगों को वोट देने के काबिल नहीं समझा गया.

ये भी भरना होता है कि वोटिंग के दौरान कितनी ईवीएम का इस्तेमाल किया गया. कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट की संख्या और नंबर देने होते हैं. इस फॉर्म में बैलेट पत्र जिसको दिए गए वो भी दर्ज करना होता है, जितने बैलेट पेपर बचे वो भी दर्ज किया जाता है. फॉर्म 17सी में डेटा का उपयोग उम्मीदवारों द्वारा ईवीएम गणना के साथ मिलान करके मतगणना के दिन परिणामों को सत्यापित करने के लिए किया जाता है

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