Venkaiah Naidu Farewell Day : राज्यसभा के सभापति का 73 वर्षीय उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। अपने कार्यकाल में उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों को जोड़े रखने की हमेशा कोशिश की है। सदन में भी लोगों को हंसते हुए देखा गया। दोनों पक्षों के बीच आपसी गहरी सलाह और अविश्वास के समय भी उन्होंने एकजुट रहकर ही काम किया। सदन में महंगाई को लेकर होने वाले हंगामे पर उनकी हालिया टिप्पणी काफी सराहनीय रहा।
उन्होंने कहा, “मेरा कामकाज आपके सहयोग पर निर्भर है, नहीं तो मतभेद हो जाएगा। हालांकि, नायडू को एक ऐसे उपराष्ट्रपति के रूप में देखा जाता था| जिन्होंने राज्यसभा की सिर झुकाकर, रेफरी की भूमिका निभाई है| प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस सदन को नेतृत्व देने की आपकी जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में विदाई का भाषण दिया| और उन्होंने कहा कि ये सदन के लिए बहुत ही भावुक पल हैं, आपको विदाई देना|
Venkaiah Naidu के बारे में जाने
वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) जन्म 1 जुलाई 1949 में आँध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में चावतापलेम नामक गाव में हुआ है| उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नेल्लोर जिले के के वी. आर. हाई स्कूल से की और वीआर कॉलेज से राजनीति में स्नातक किया| इसके बाद उन्होंने विशाखापटनम के आंध्र यूनिवर्सिटी ऑफ़ कॉलेज एंड लॉ से लॉ की डिग्री प्राप्त की| वेंकैया नायडू का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था| इनके पिता का नाम रंगैया नायडू और माता का नाम रामानम्मा था| वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) एक समृद्ध परिवार से है| और बचपन से ही इनकी रूचि राजनीति समझने में रही थी| उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए इन्होने राजनीति ही चुना और उसी में अपना कैरियर लगा दिया|
Venkaiah Naidu Farewell Day राजनितिक सफ़र कैसा रहा
वेंकैया नायडू को साल 1972 में जय आन्ध्र आन्दोलन से एक राजनीतिक पहचान मिली और ये लोगों की नज़र में आये| इस समय इस आन्दोलन का नेतृत्व ककनी वेंकट रत्नम कर रहे थे| वेकैया नायुडू इस आन्दोलन में बहुत सक्रिय रहे है| और वे तब तक इससे जुड़े रहे जब तक ये पूरी तरह से समाप्त नहीं हो गया| साल 1974 में वेंकैया नायडू ने जय प्रकाश नारायण के भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान में आन्ध्र प्रदेश के छात्र संघर्ष समिति के संयोजक के रूप में भी काम किया|
इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गये आपातकाल के दौरान इन्होने सड़क पर होने वाले आन्दोलनों में भाग लिया और जेल भी गए और आन्दोलन जीत भी लिए| बाद में वेंकैया नायडू का राजनीतिक करियर उनके छात्र जीवन से ही सक्रीय था| पहली बार साल 1978 में और दूसरी बार साल 1983 में इन्होने यहाँ से चुनाव जीता, और इस तरह से ये आन्ध्रप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के एक मशहूर नेता हो गये|
Venkaiah Naidu Farewell Day वेंकैया नायडू का राजनितिक जीवन
Venkaiah Naidu वेंकैया नायडू भारतीय राजनीति में एक बेहद जाने माने नाम हैं| ये सही और तत्कालिक समय में भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत हैं| और अब इनका नाम राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन की तरफ से उपराष्ट्रपति के रूप में लिया जा रहा था लेकिन 10 को इनका कार्यकाल ख़तम हो रहा है| इन्होने तात्कालिक भारत सरकार के कैबिनेट में आवास और शहरी उन्नयन मंत्रालय, शहरी विकास और सूचना प्रसारण के अंतर्गत कार्य किया है| ये भारतीय जनता पार्टी के एक बहुत महत्वपूर्ण नेता हैं| और इन्होंने साल 2002 से 2004 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने Farewell Day पर कहा
Venkaiah Naidu वेंकैया नायडू भारतीय राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एम वैंकैया नायडू Venkaiah Naidu ऐसे उपराष्ट्रपति हैं| जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के नेर्तित्व के लिए काम किया है| सदन में भी युवा सांसदों को आगे बढ़ने में पूरी मदद की है| नई पीढ़ी के साथ इनका कनेक्ट हमेशा बना रहा है| और इन सभी संस्थानों में इनकी लोकप्रियता काफी अच्छी रही है| मोदी जी ने कहा उपराष्ट्रपति के रूप में सदन के बाहर जो आपने भाषण दिए|
वो काफी योग्य और सराहनीय रहा है| आपके साथ कंधे-से कंधा मिलाकर काम करने का मौका भी मुझे मिला है| आपका जज्बा और लगन हम सब लोगों ने देखी है| मैं देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं| वही दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने नायडू को लेकर एक ट्वीट में कहा, “वेंकैया नायडू को उनके ह्यूमर और उनकी तर्क बुद्धि के लिए याद किया जाएगा।
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