Sugriv Story: जाने क्या हुवा जब वैज्ञानिक सुग्रीव की गुफा में गये,जानकार आप भी हो जायेंगे हैरान

Sugriv Story: जाने क्या हुवा जब वैज्ञानिक सुग्रीव की गुफा में गये,जानकार आप भी हो जायेंगे हैरान

हमारे भारत देश में कई रहस्यमय गुफाओ के बारे में सुना होगा| लेकिन आज हम बात कर रहे है| एक ऐसे जगह की जहाँ आज भी रामायण काल से Sugriv की गुफा मौजूद है| रामायण काल के अवशेषो को खोजते-खोजते हमारे भारत के वैज्ञानिको को एक ऐसी गुफा मिली जो सामान्य तो लग रही| परन्तु जब इसके अंदर गये तभी कुछ ऐसा देखने को मिला, जिसे देखते ही वे समझ गए थे की ये कोई सामान्य गुफा नहीं है| ये वही गुफा है जहाँ Sugriv अपने बड़े भाई बाली से छुपकर रहा करते थे| वैसे तो वैज्ञानिको की माने तो वह रामायण जगत को लेकर संदेह करते है|

लेकिन गुफा के अन्दर की साइन बोर्ड लगा हुवा है| जहाँ पर लिखा हुवा है, कि यह गुफा Sugriv की गुफा है| आपको जानकार यह हैरानी होगी की इस गुफाओ की खोज को सरकार द्वारा बंद करवा दी गयी| परन्तु क्यों आखिर वैज्ञानिको को खोज करते हुए ऐसा क्या दिखा होगा| जिसे देखते ही वे समझ गये की ये गुफा Sugriv की गुफा है| आखिर क्यों इस गुफा को आम लोगो के लिए बंद कर दिया गया| आखिर इस गुफा में ऐसा क्या था, जहां बाली प्रवेश नही कर सकते थे| और क्या है| इन रहस्यमय गुफाओ का राज ये हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है| इसके लिये आप आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े|

Sugriv के बारे में जाने

रामायण में जितने भी चरित्रों का उल्लेख है| उन सभी की भूमिका अपने आप में ही महत्वपूर्ण है| राजा दशरथ सहित तीनो माताए, गुरु वशिष्ट, निषाद राज, राजा जनक, विभिषण, अंगद आदि जितने भी व्यक्ति थे| जो राम कथा से जुड़े है सभी अपने-अपने भूमिका में महत्वपूर्ण है| इनमे से एक है Sugriv, किसकिन्धा के राजा और प्रभु राम के मित्र| रावण के द्वारा सीता हरण के बाद सीता माता के तलाश के दौरान ऋषि मुख पर्वत पर भगवान राम की सुग्रीव से मुलाकात हुयी| यही पर सुग्रीव भगवान राम को बाली द्वारा Sugriv पर किये गये अत्याचारों का पता चलता है|

क्या हुवा जब राम और सुग्रीव मिले

भगवान् राम सुग्रीव को अपना मित्र मानकर उन्हें बाली के तरफ से मुक्त करवाने का वचन देते है| और उन्हें किसकिन्धा का राजा घोषित करते है| माना जाता है, कि रामायण में जिसका उल्लेख है वे कर्नाटक प्रदेश के हम्पी शहर में है| हम्पी प्रसिद्ध विजय नगर साम्राज्य की राजधानी था| यही पर वानर सुग्रीव और बाली की राजधानी किसकिन्धा थी| गुफा और उसके आस-पास के क्षेत्र में आज भी रामायण के कथा राम जी के आगमन के खोज की गयी थी| हलाकि किसी को तब पता नहीं था, कि ये जगह रामायण काल के विशेष चरित्र से जुडी है| इसमें एक है सुग्रीव यहां मौजूद हुयी गुफा विभिन्न प्रसंगों से जुड़े कई राज अपने अन्दर रखी हुयी है|

Sugriv की गुफा वर्षो पहले खोजी गयी

जब इस जगह की खोज की गयी तब यहाँ पर हम्पी नगरी बसी हुयी थी| हम्पी और उसके आस-पास के क्षेत्र में आज भी रामायण की विभिन्न प्रसंगों से जुड़े कई स्थल और और राम जी के आगमन की साक्षी है| जब वर्षो पहले इस जगह की खोज की गयी, तब यह पता नहीं था कि ये जगह रामायण काल से जुडी है| ऋषि मुख पर्वत पर रामायण काल के अवशेष भरे पड़े है| इसमें से एक है, जो यहाँ मौजूद है वो है, सुग्रीव की गुफा जब वैज्ञानिको ने इस गुफा के अन्दर गये तब उन्हें पता चला|

कि इस गुफा की बनावट और यहाँ मौजूद चिन्ह और ऐसे कई प्रमाण मौजूद है| जो रामायण काल के जो रामायण काल के गुफा से मिलते जुलते है| वैज्ञानिको ने और शोध करने का निर्णय लिया| और रामायण से मिलाकर देखा तो ये सिद्ध हो गया| कि ये वही जगह है जहाँ भगवान राम आये थे, और उन्होंने सुग्रीव से इसी गुफा में भेट की थी| रामायण में वर्णित प्रसंग के अनुसार बाली से विवाद के कारन कब Sugriv को छोड़कर भागना पड़ा| तव Sugriv अपने सहयोगियों के साथ इसी स्थान पर आये|

Baali को श्राप क्यों मिला

ऋषि मुख पर्वत पर मतंग ऋषि का आश्रम था| एक समय इस पर्वत पर बाली ने एक असुर को ललकारने पर उस असुर का वध कर दिया| लेकिन बाली ने वध करने के बाद असुर के मृत शरीर को लहूलुहान करके अपने बल के घमंड में अट्पटाहास करने लगा |आश्रम को अपवित्र करने के कारन मतंग ऋषि बाली को श्राप दे दिया था| उसी श्राप के अनुसार जैसे ही इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा उसकी मृत्यु हो जायगी| यही कारन था की Sugriv के लिए छुपने का सबसे अच्छा और सही जगह था| इस गुफा में श्री राम रह चुके है, और आज भी जिनकी पूजा की जाती है| ऐसे बहुत साड़ी चीजे जो रामायण से जुडी है, यहाँ और भी बहुत सारी गुफाये है जो सरकार द्वारा बंद कर दी गयी है|

Sugriv बिग brother Bali fight
Bali fight

परन्तु क्यों इसका सही जवाब किसी के पास नही है और ना ही कोई दे सकता है| तुंग भद्र नदी के तट पर बसा ये क्षेत्र बहुत ही मनोरम है| यहाँ आज भी ऐसा प्रतीत होता है, जैसे रामायण के काल खंड में आ गये हो| यहाँ की भौगौलिक दृश्य में आज भी ज्यादा परिवर्तन नही हुवा है| ने इसी तरह और भी तथ्यों है जो हमारे भारत देश में रामायण काल से जुड़े हुए है|

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