Sanjay Gandhi Birthday : संजय गाँधी से जुड़ी10 दिलचस्प किस्से - faaduindia.com

Sanjay Gandhi Birthday : संजय गाँधी से जुड़ी10 दिलचस्प किस्से

Sanjay Gandhi Birthday : संजय गाँधी इंदिरा गाँधी और फिरोज गाँधी के बेटे थे, इंदिरा गाँधी के छोटे बेटे संजय गाँधी की सक्सियत को हर किसी ने अच्छे से परिभाषित किया है। किसी ने उन्हें तानाशाह की उपाधि दी है, तो किसी ने उन्हें आपात काल के दौरान अपने लिए किये गए फैसले को मुनासिब बताया।

Sanjay Gandhi Birthday

14 दिसंबर 1946 को संजय गाँधी का जन्म हुवा, और उनकी पढाई देहरादून के बेल्हम बॉयज स्कूल से हुयी। संजय गाँधी ने इन्जिंरिंगकी पढाई की। और इंग्लैंड में स्थित रॉयल कंपनी में तीन साल के लिए इंटर्न शिप भी किये। उन्होंने पढाई करने के बाद एयर लाईन पायलेट का लाइसेंस भी हासिल किया। संजय गाँधी ही वो शख्स थे जिसने मारुती कंपनी की नीव रखी थी।

Sanjay Gandhi Birthday

Sanjay Gandhi को था मशीन से प्यार

 वे इंदिरागांधी और फिरोज गांधी के दूसरे बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के छोटे भाई थी,संजय गांधी का जन्म नई दिल्ली में 14 दिसंबर 1946 को हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई देहरादून और उसके बाद स्विट्जरलैंड के इंटरनेशल बोर्डिंग स्कूल ‘इकोल डी ह्यूमेनाइट’ में हुई थी। लेकिन उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में कम और मशीनों में ज्यादा थी, बचपने से ही उन्हें मशीनें ठीक करने का बहुत जुनून था।

Sanjay Gandhi राजनीती करियर

संजय गाँधी भारतीय कांग्रेस पार्टी के नेता थे, 20 वर्ष की आयु में संजय राजनीति से जुड़े। वर्ष 1970 के दशक में, वह भारतीय युवा कांग्रेस के नेता बने। जनवरी 1980 में, वह अमेठी के निर्वाचन क्षेत्र से एक सांसद के रूप में चुने गए और उसी वर्ष जून तक ही कार्य किया और जून में ही उनका निधन हो गया।

Sanjay Gandhi राजनीती में इंदिरा गाँधी की तरह करते थे काम

संजय गांधी को राजनीति में लाने की मुख्य वजह या हालात शायद खुद इंदिरा गांधी और उनके काम करने के ​तरीकों में निहित थी. इंदिरा गांधी किसी काम को एक तरीके से करने में यकीन रखती थीं और यही खूबी संजय गांधी के अंदर भी थी। इंदिरा की तरह ही संजय गांधी भी अपने निर्णयों पर अडिग रहने वाले शख्स थे। वो अगर किसी चीज को करने की ठान लेते थे तो फिर किसी की भी नहीं सुनते थे।

Untold Story Of Sanjay Gandhi

  • संजय गाँधी को कोलापुरी चप्पल से खास लगाव था, प्लेन में भी संजीव गाँधी चप्पल ही पहनते थे उन्हें राजीव गाँधी ने भी इस चप्पल पहनने से मना किया था, उड़ान से पहले चप्पल नही बल्कि पायलेट वाला जूता पहनों लेकिन संजय गाँधी ने राजीव की सलाह को इग्नोर कर दिया।
  • संजय गाँधी अक्सर खा करते थे, कि जो कुछ भी भारत के गरीबो के लिए अच्छा नहीं है, वह कांग्रेस की निति नही है।
  • बिच में अगर किसी बातों से उन्हें हसी आती थी तो वो कहते थे, की काम अधिक करो और बाते कम और संजय गाँधी बहुत कम बोलने वाले नेता थे।
  • सीक्रेट गुटका से दूर रहने वाले संजय चाय पीना भी पसंद नहीं करते थे, वो सॉफ्ट ड्रिंक को भी हाथ नही लगाते थे एक बार उनके सामने कोई नेता पान खाकर आये तो संजय गाँधी ने उसे बोलना ही शुरू कर दिया की तुम पान क्यों खाते हो। और उससे दुरी बना लिया
  • हमेशा खादी कुरता पहनने वाले संजय गाँधी युवाओं के नेता थे, और काफी हद तक यूथ कांग्रेस को कठोर करने का श्रेय उसे ही जाता है।
  • संजय गाँधी को राजनीती में सुश्त भारतीय राजनितिक वयवहार के लिए भी जाना जाता है।
  • 1952 के लोकसभा चुनाव में भी बाहुबल का प्रभाव देखा गया,लेकिन संजय गाँधी और उनके सहयोगी ने इन्हें भारतीय राजनीती और उन्हें मुख्य धारा बना दिया।
  • कमलनाथ और जगदीश टैक्लर जैसे नेता संजय गाँधी के प्रमुख सिपाही के तौर पर काम किया करते थे। और ये भी सही है, कि इतनी कम उम्र में उनके जैसे कद और ताकत किसी और में भी नहीं था।
  • संजय गाँधी समय की अहमियत को बखूबी समझते थे।
  • संजय गाँधी ने अपने से 10 साल छोटी मेनका को एक विज्ञापन में देखा था, मेनका 1973 में दिल्ली के श्री राम कालेज में मिस लेडी बनी हुयी थी मेनका ने अपना पहल ऐड बाम्बे टाईम के लिए किया था। इस विज्ञापन को देखने के बाद ही संजय मेनका को पसंद करने लगे।
  • संजय और मेनका की पहली मुलाकात 1973 में एक पार्टी में हुयी थी।
  • संजय ने मेनका के पिता कर्नल आनद से उनका हाथ माँगा मेनका के पिता रिश्ते से इंकार नही कर पाए और उन्होंने कहा कि अपने माँ से तो पहले बात कर ले।
  • फिर इंदिरा ने मेनका को बुलाया और उन्होंने कहा की संजय उनसे 10 साल बड़े है, मेनका का कहना था, उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नही है।
  • दोनों की शादी गाँधी परिवार की मित्र मोहम्मद युनुस के घर पर हुयी थी।

Sanjay Gandhi विवाद

  • वर्ष 1971 में, इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने एक स्वदेशी कार का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मध्यवर्गीय भारतीय खरीद सकें।
  • आपातकाल से पहले और उसके बाद संजय गांधी इंदिरा गांधी के सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए। पुराने वफादारों के दलबदल करने से संजय गांधी का इंदिरा गांधी और उनकी सरकार पर प्रभाव एकदम बढ़ गया था।
  • संजय गाँधी का सम्पूर्ण जीवन विवादों से भरा रहा. उनका व्यक्तिगत जीवन से लेकर सार्वजनिक जीवन तक विवादों से अछूता नहीं रहा था. पढाई से दूर भागना, जबरन शादी करना, बिना किसी पद और ओहदे के सरकारी कामों में दखल देना आदि से वे हमेशा विवादित व्यक्तित्व बने रहे. उनके साथ जुड़े कुछ विवाद निम्न हैं।
  • उस समय संजय गांधी का अपनी माँ इंदिरा गांधी पर पूर्ण नियन्त्रण था। इसके चलते उन्होंने पार्टी में अनेक युवा लोगों को शामिल किया, जिसमें गुंडा-माफिया जैसे लोग शामिल थे, जो लोगों को डराने-धमकाने का काम करते थे, जिसके चलते उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

Sanjay Gandhi Death मृत्यु

23 जून 1980 को वह दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट पर दिल्ली फ्लाइंग क्लब के नए जहाज को उड़ा रहे थे,संजय गाँधी हवाई जहाज उड़ाने के शौक़ीन थे।जहाज को हवा में कलाबाजी दिखाने के दौरान वे नियंत्रण खो बैठे और जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में वह अकाल मृत्यु के शिकार हो गए।

संजय की मृत्यु से तीन महीने पूर्व मेनका ने एक बच्चे को जन्म दिया था जिसका नाम उन्होंने वरुण गाँधी रखा। संजय की मृत्यु के पश्चात गाँधी परिवार में इंदिरा और मेनका के बीच विवादों का दौर शुरू हो गया। अंततः 1981 में मेनका अपने बेटे वरुण के साथ हमेशा के लिए गाँधी परिवार से अलग हो गईं। आज माँ-बेटा दोनों राजनीति में हैं और भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।

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