Pregnancy Health Tips : प्रेगनेंसी में महिलाओं को क्यों होती है, आयरन की कमी जाने क्या है कारण

Pregnancy Health Tips : प्रेगनेंसी में महिलाओं को अपने सेहत का सबसे ज्यादा खास ख्याल रखना पड़ता है| क्योकि ये वो समय है, जिसमे महिलाओं को बहुत ही नाजुक समय से गुजरना पड़ता है| यह महिलाओं के जीवन का सबसे सुन्दर और कठिन समय होता है| और इस दौरान महिलाएं कई मानसिक और शारीरिक बदलाव से भी गुजरती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए बहुत उतार-चढ़ाव भरा जिंदगी जीना होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाएं को बहुत अधिक कैलोरीज की जरूरत पड़ती है। इस दौरान महिलाएं अक्‍सर शरीर में होने वाले बदलाव और शरीर की बढ़ती जरूरतें दोनों को एक साथ नहीं संभाल पाती है|

कई महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान उस हिसाब से नहीं खा पाती जितना कि उसके शरीर के लिए जरूरत होती है| और फिर अचानक शरीर में कमी आ जाती है| प्रेग्‍नेंसी में आयरन बहुत आवश्‍यक होता है। अगर इसकी कमी हो जाए तो मां और बच्‍चे को गंभीर समस्‍याएं हो सकती हैं। आयरन की कमी से कई महिलाये प्रेगनेंसी कंसीव नहीं कर पाती है, और वह अनीमिया ग्रस्‍त हो जाते है| गर्भवती महिलाओं के लिए हेल्दी डायट लेना जरूरी है ताकि गर्भ में शिशु की ग्रोथ और विकास सही से हो पाए। आज हम आपको प्रेगनेंसी से जुडी कुछ खास बाते हम आपको बताने जा रहे है| तो चलिए लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं कि आयरन किसे कहा जाता है, और इसकी कमी क्यों होती है|

आयरन (Iron) क्या है? Pregnancy Health Tips

आयरन एक ऐसा मिनरल है, जो कई तरह के काम करता है। यह रेड ब्लड सेल्स (RBC) की शरीर में ऑक्सिजन को ले जाने में मदद करता है। यही नहीं, इससे शिशु की कुछ भी सीखने की क्षमता बढ़ती है। अगर शरीर में आयरन की कमी हो तो यह एनीमिया का कारण बन सकता है| जिसके कारण शरीर में थकावट, और नींद आने लगता है । आपको हेमरेज ब्रेन (Haemorrhage) तक होने की संभावना रहती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार अगर प्रेग्नेंट महिला के शरीर में खून की कमी होने से बच्चे में ज्यादातर परेशानी देखने को मिलाती है। हमारे शरीर में आयरन का प्रयोग कर के ही प्रोटीन बनाता है| जिससे शरीर के आसपास ऑक्सिजन को लाने ले जाने और सेल्स को बनाने में मदद करती है।

प्रेग्‍नेंसी में आयरन का क्या महत्त्व है? Pregnancy Health Tips

गर्भावस्‍था में ही नहीं बल्कि सामान्‍य रूप से भी कुछ शारीरिक क्रियाओं के लिए आयरन की जरूरी होना आवश्यक होता है। आयरन हीमोग्‍लोबिन बनने में मदद करती है, ये ऑक्‍सीजन ले जाने वाली एंजाइम्‍स के उत्‍पादन के लिए भी जरूरी होता है और इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करने में मदद करता है। आपके शरीर को पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं बनाने और हीमोग्लोबिन सही स्तर पर बनाए रखने के लिए आयरन की जरुरत होती है। यदि आपके खून में पर्याप्त मात्र में हीमोग्लोबिन न हो तो शरीर के अंगों को कम ऑक्सीजन मिलेगी। यदि आपके शरीर में सही मात्रा में आयरन नहीं होगा, तो आपको आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है।

अनिमिया के होने का कारण क्या है? Pregnancy Health Tips

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में आयरन के स्तर की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, सभी गर्भवति महिलाओं में आयर का स्तर कम होने का ख़तरा रहता है। फिर कुछ महिलाओं में इसका खतरा अन्य महिलाओं से ज़्यादा हो सकता है। 17 से 25 साल की गर्भवती महिलाओं में आयरन डेफिशियंसी एनीमिया आम बात है। इसमें आयरन का लेवल कम होने पर हीमोग्‍लोबिन कम बनने लगता है। प्रेगनेंसी के शुरू में एनीमिया के लक्षण का दिखना जरूरी नहीं है। इसकी सही समय पर पहचान के लिए नियमित ब्‍लड टेस्‍ट करवाते रहना जरुरी होता है। आइये जानते एनीमिया के प्रकारों के बारे में जिसके बारे में आपको भी जानना बेहद जरुरी है|

विटामिन बी12 डेफिशिएंसी

विटामिन बी12 डेफिशिएंसी – लाल रक्‍त कोशिकाओं के निर्माण में शरीर विटामिन बी12 का भी उपयोग करता है। कुछ महिलाओं को विटामिन बी12 बनाने में दिक्‍कत आती है जिससे कि इस प्रकार का एनीमिया हो सकता है। अक्‍सर विटामिन बी12 और फोलेट डेफिशिएंसी एनीमिया एकसाथ पाया जाता है।

फोलेट डेफिशिएंसी एनीमिया

फोलेट डेफिशिएंसी एनीमिया – प्रेग्‍नेंसी में अधिक मात्रा में फोलिक एसिड लेने की जरूरत होती है। ये बच्‍चे को न्‍यूरल ट्यूब विकारों से बचाता है। फोलेट की कमी होने पर यह एनीमिया होता है। इसे समय समय पर ही चेक कराते रहना चाहिए|

प्रेग्‍नेंसी में एनीमिया के लक्षण (Pregnancy Health Tips)

खाने की असामान्य लालसा या इच्छा (पाईका) भी एनीमिया का एक लक्षण है। पाईका से ग्रस्त महिलाओं को ऐसी चीजें खाने की लालसा होती है| जो खाने योग्य नहीं होती जैसे कि गीली मिट्टी, साबुन, बर्फ, तारकोल, चॉक, राख या सिगरेट बट आदि। गर्भावस्‍था में एनीमिया के लक्षण इस प्रकार से है|

  • त्‍वचा, होंठों और नाखूनों का पीला पड़ना
  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • सांस लेने में दिक्‍कत
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • ध्‍यान लगाने में दिक्‍कत आना
  • जीभ में दर्द
  • सामान्य से ज्यादा ठंड लगना
  • कानों में घंटी की आवाज या गूंज सी सुनाई देना
  • भोजन के स्वाद में बदलाव
  • मुंह के किनारे फटना या दर्दभरे छाले से होना
  • निगलने में दिक्कत
  • चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत
  • होंठों, पलकों के अंदरुनी हिस्से और मुंह के अंदर की जगह का फीका पड़ जाना
  • टांगों में ऐंठन
  • भुरभुरे या चम्मच के आकार के नाखून
  • बाल झड़ना
  • भूख कम हो जाना

इन्हें भी पढ़े :- Pregnancy Tips in Hindi : गर्भावस्था में एनीमिया के प्रकार और कारण को जाने

प्रेगनेंसी में एनीमिया से कैसे करें बचाव Pregnancy Health Tips

अगर आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको पर्याप्‍त मात्रा में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्‍वों को अपनी डायट में शामिल कर लेना चाहिए। गर्भावस्‍था में खून की कमी को दूर करने के लिए डॉक्‍टर आयरन की गोलियां लिखता है| इसके अलावा खाने के जरिए भी इसे दूर करने की सलाह दी जाती है| कच्चे केले को अपने आहार में शामिल करें| यह भी आयरन की कमी को दूर करने में मददगार है| अपने खाने में अनार और चुकंदर को शामिल करें| चुकंदर खून बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका है|

Pregnancy Health Tips
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           पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में आयरन होता है| इसके लिए किश्‍मिश अखरोट को रात को भिगो कर रख दें और सुबह खा लें | खून में आयरन की कमी काफी हद तक दूर होगी| पौष्टिक आहार लें और एनीमिया के लक्षण दिखने पर डॉक्‍टर से बात करें। गर्भावस्‍था में एनीमिया होने से शिशु को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप कंसीव करने से पहले ही प्रीनैटल विटामिनों के जरिए इसके खतरा को कम करने की कोशिश करें। और ज्यादा से ज्यादा आराम करे|

प्रेगनेंसी में कितना आयरन जरुरी होता है?

गर्भावस्था के दौरान कई लोगो में काम्प्लीकेसन बढ़ जाता है, और ये तो सबको पता है, की प्रेगनेंसी में अलग-अलग टाइप की खाने का मन बहुत ज्यादा होता है| पर वो हमारे शरीर के लिए कभी-कभी सही नहीं होता है| प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं को कुल 800 मि.ग्रा आयरन चाहिए होता है| जबकि भ्रूण और प्‍लेसेंटा को 300 मि.ग्रा और मटरनल हीमोग्‍लोबिन को 500 मि.ग्रा आयरन की जरूरत होती है। गर्भावस्‍था के दूसरे चरण में शरीर आयरन का अत्‍यधिक मात्रा में इस्‍तेमाल करता है| इसलिए पहली तिमाही में 0.8 मि.ग्रा और इसके बाद के चरणों में 6 से 7 मि.ग्रा प्रतिदिन आयरन का सेवन बढ़ा देना चाहिए। और समय समय पर ही आयरन लेते रहना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार की खतरा नहीं होती है|

टिप – प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं| इसलिए कुछ भी खाने से पहले या किसी तरह की दवा करने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह जरूर लें|

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