Navratra 7thDay Pooja Hindi : नवरात्र के सातवे दिन माँ दुर्गा की कालरात्रि रूप की पूजा कैसे करे

Navratra 7thDay Pooja Hindi : हमारे भारत देश में अभी नवरात्री का बहुत बोलबाला चल रहा है| यानि कि इस समय नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा जगजननी ककी 9 रूपों की पुरे विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। और कल नवरात्रि का सातवां दिन है, और माँ कालरात्रि का पूजा का भी दिन है| देवी कालरात्रि का पूजन रात्रि के समय बहुत शुभ माना जाता है. शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का विनाश करने के लिए देवी ने कालरात्रि का रूप धारण किया था| तो आज हम आपको बताने वाले की नवरात्र के सातवे दिन माँ दुर्गा की कालरात्रि रूप की पूजा कैसे करे|

नवरात्र के सातवे दिन माँ दुर्गा की कालरात्रि रूप की कथा

नवरात्र के सातवे दिन माँ दुर्गा की कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है| देवी कालरात्रि की शरीर का रंग घने अंधकार की तरह कला है| सर के बल बिखरे हुए है, और इनके तीन नेत्र है, इनके नाक से अग्नि की भयंकर ज्वालायें निकलती रहती है| गधे पर सवारी करने वाली देवी कालरात्रि की दाहिने तरफ की उपरी भुजा वरमुद्रा में है| तथा निचे वाली भुजा अभय मुद्रा में है| बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा में लोहे का कांटा है, और निचे वाली भुजा में खड़ग है| माँ कालरात्रि का स्वरुप देखने में अत्यंत भयानक है| यह देवी सदैव शुभ फल प्रदान करती है, इसी कारण इनका नाम सुभंती भी है| दानव, दैत्य, राक्षस, भुत-प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते है| इनके भक्तो को अग्नि भय, जल भय, जंतु भय, सत्रु भय, रात्रि भय आदि कभी नहीं होते है|

नवरात्रि सप्तमी 2022 मुहूर्त (Navratri saptami 2022 muhurat)

जैसे की आप सबको पता होता है, कि पूजा का सही समय सुबह का समय और संध्या का समय होता है| उस जानकारी के अनुसार हम आपको पूजा का सही मुहूर्त निचे बता रहे है, ध्यान से जरुर पढ़े|

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.43 – सुबह 05.31

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.52 – दोपहर 12.40

अमृत काल – रात 07.50 – रात 09.20

निशिता मुहूर्त – 2 अक्टूबर, 11.52 – 3 अक्टूबर, 12.41 तक रहेगा|

मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalratri Puja Vidhi)

नवरात्र महापर्व के सप्तमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से सिक्त करें। फिर मां को फूल, सिंदूर, कुमकुम, रोली, अक्षत इत्यादि अर्पित करें। माता कालरात्रि को नींबू से बनी माला अर्पित करें और गुड़ से बनें पकवान का भोग लगाएं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और मंत्रों का जाप करें। फिर मां कालरात्रि की आरती उतारें। आरती से पहले दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बिलकुल ना भूलें। आरती के बाद माता से अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें। मां कालरात्रि की पूजा दो तरीके से की जाती है|

एक तंत्र-मंत्र के उपासक द्वारा और दूसरा शास्त्रीय पूजन गृहस्थ लोगों को मां की शास्त्रीय विधि से पूजा करना चाहिए. देवी की पूजा में नीले रंग का उपयोग करें| माता के इस रूप को गुड़ का भोग अति प्रिय है| रात रानी या गेंदे के फूल अर्पित कर घी का दीपक लगाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें| पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें| शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए लिए रात्रि में स्नान कर लाल वस्त्र पहने और 108 बार नर्वाण मंत्र – “ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ ” का जाप करें| मान्यता है इससे शुभ परिणाम मिलेंगे| अब देवी की आरती कर गुड़ का प्रसाद सभी में बांट दें|ध्यान रहे मां कालरात्रि का पूजन किसी गलत उद्धेश्य से न करें वरना इसके अशुभ परिणाम मिलते हैं| माँ कालरात्रि आपके मनोकामना को जरुर पूर्ण करेंगे|

माँ कालरात्रि ध्यान मंत्र (Navratra 7thDay Pooja Hindi)

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।(1)
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥(2)

माँ कालरात्रि मंत्र (Navratra 7thDay Pooja Hindi)

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।

मां कालरात्रि भोग (Maa Kalratri Bhog)

साहस की देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें| कहते हैं इससे शत्रु और विरोधियों पर विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है|

सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा में नीला रंग शुभ माना जाता है| ये निडरता का प्रतीक है|

देवी मां का रंग अधंकार यानी काली रात की तरह है, इन्हें रात में खिलने वाला फूल जैसे रात रानी का पुष्प बहुत पसंद है| मान्यता है पूजा में देवी को रात रानी का फूल अर्पित करने से भय, अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है|

मां कालरात्रि की आरती (Navratra 7thDay Pooja Hindi)

कालरात्रि जय जय महाकाली|
काल के मुंह से बचाने वाली||
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा|
महा चंडी तेरा अवतारा||
पृथ्वी और आकाश पर सारा|
महाकाली है तेरा पसारा||
खंडा खप्पर रखने वाली|
दुष्टों का लहू चखने वाली||
कलकत्ता स्थान तुम्हारा|
सब जगह देखूं तेरा नजारा||
सभी देवता सब नर नारी|
गावे स्तुति सभी तुम्हारी||
रक्तदंता और अन्नपूर्णा|
कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना||
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी|
ना कोई गम ना संकट भारी||
उस पर कभी कष्ट ना आवे|
महाकाली मां जिसे बचावे||
तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह|
कालरात्रि मां तेरी जय||

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