Navratra 5thDay Pooja-Aarti : जाने नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा की

Navratra 5thDay Pooja-Aarti : जाने नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा की स्कन्दा माता रूप की पूजा अर्चना कैसे करे

Navratra 5thDay Pooja-Aarti : नवरात्र के पांचवे दिन सभी माँ दुर्गा की स्कन्दा माता रूप की पूजा की जाती इस बिच हमें ये जानना बहुत जरुरी है, की माता की पूजा अर्चना सही और विधि-विधान से कैसे करे| नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है| यह माना जाता है, कि मां दुर्गा के पंचम स्वरूप यानि देवी स्कंदमाता की उपासना करने से महिलाओं की सूनी गोद भी भर जाती है| और उनके जीवन खुशहाली से परिपूर्ण रहता है| 30 सितंबर को पांचवीं नवरात्रि है यानि  कि नवरात्रि के पांचवें दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। । मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। तो आइये जानते है, की नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा की स्कन्दा माता रूप की पूजा अर्चना कैसे करे|

माँ दुर्गा की स्कन्दा माता रूप की कथा (Navratra 5thDay Pooja-Aarti)

नवरात्र के पांचवे दिन माँ दुर्गा की जिस स्वरुप की पूजा की जाती हैं, उसका नाम स्कन्द माता है| भगवान स्कन्द कुमार जिन्हें भगवान कार्तिके भी कहा जाता है| उनकी माता होने के कारण माँ दुर्गा के इस पांचवे स्वरूप को स्कन्द माता के नाम से जाना जाता है| इनके विग्रह में भगवान स्कन्द जी बाल सवरूप में इनकी गोद में बैठे हुए होते है| स्कन्द माता की चार भुजाएं है, दाहिने तरफ की ऊपर वाली भुजा से इन्होने भगवन स्कन्द को गोद में लिया हुवा है| और निचे वाली भुजा में, कमल पुष्प लिए हुए है| इसी तरह बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा वरमुद्रा में है| तथा निचे वाली भुजा में कमल पुष्प लिए हुए है|

स्कन्द माता कमल के पुष्प पर विराज मान रहती है| इस कारण इस पद्मासना देवी भी कहा जाता है|  स्कन्द माता देवी की पांचवी शक्ति की पूजा से साधक का संतान प्राप्ति का मार्ग सुलभ हो जाता है| और जिसको संतान प्राप्ति में दिक्कते हो रही है| उन्हें इनकी पूजा अर्चना जरुर करना चाहिए ताकि उन्हें भी सुख शांति एवम पुत्र प्राप्ति हो सके| बुद्धि और चेतना बढ़ती है,साथ ही देवी स्कन्द माता का वाहन सिंह भी है| स्कन्द माता की उपासना करने से बाल रूप, स्कन्द भगवान की पूजा स्वयं हो जाती है| यह विशेषताएं केवल इसी देवी को प्राप्त है|

मां स्कंदमाता की पूजा शुभ मुहूर्त (Navratra 5thDay Pooja-Aarti)

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:37 बजे से 05:25 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त- 11:47 बजे से 12:35 पी एम
  • विजय मुहूर्त- 02:10 बजे से 02:58 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 05:57 बजे से 06:21 पी एम
  • अमृत काल- 06:18 बजे से 07:51 पी एम
  • निशिता मुहूर्त- 11:47 बजे से 12: बजे तक अक्टूबर 01
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- बजे से 04:19 बजे तक अक्टूबर 01
  • रवि योग- 04:19 बजे से 01 से 06:14 बजे तक, अक्टूबर 01

मां स्कंदमाता की पूजा (Maa Skandmata Puja vidhi)

  • जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। 
  • स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
  • मां को रोली कुमकुम भी लगाएं। 
  • मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
  • मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां की आरती अवश्य करें।
  • सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद हरे रंग के वस्त्र पहने और देवी को हरी चूड़ी, हरी साड़ी, मेहंदी, सिंदूर, रौली, अक्षत अर्पित करें|
  • इस दिन हरी चुनरी में नारियल रखकर नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा|
  • ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी” इस मंत्र का 108 बार जाप करें| और नारियल को बांधकर हमेशा अपने सिरहाने रखें. मान्यता है|
  • माना जाता है ऐसा करने से सूनी गोद जल्द हरी-भरी हो जाती है अर्थात संतान सुख के योग बनते हैं|

माँ स्कंदमाता का मंत्र (Navratra 5thDay Pooja-Aarti)

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 

ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:||

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

नवरात्र के पांचवां दिन  शुभ रंग

मां स्कंदमाता की उपासना में हरे रंग का उपयोग करें| मान्यताओं के अनुसार इससे देवी बेहद प्रसन्न होती है| और साधक को जीवन ऊर्जा से भर जाता है| हरा रंग कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है| देवी स्कंदमाता को भी पीले रंग का फूल पसंद है| देवी की पूजा करने से स्वंय भगवान कार्तिकेय की उपासना भी हो जाती है| स्कंद देव यानी भगवान कार्तिकेय को देवों का सेनापति माना जाता है| इनकी पूजा से व्रती को मनचाहा फल मिलता है,और मन की सभी मुरादे पूरी हो जाती है|

मां स्कंदमाता की आरती (Maa Skandmata Aarti)

जय तेरी हो स्कंदमाता|

पांचवां नाम तुम्हारा आता||(1) जय तेरी हो स्कंदमाता

सब के मन की जानन हारी|

जग जननी सब की महतारी||(2)जय तेरी हो स्कंदमाता

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं|

हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं||(3) जय तेरी हो स्कंदमाता

कई नामों से तुझे पुकारा|

मुझे एक है तेरा सहारा||(4) जय तेरी हो स्कंदमाता

कहीं पहाड़ों पर है डेरा|

कई शहरो में तेरा बसेरा||(5) जय तेरी हो स्कंदमाता

हर मंदिर में तेरे नजारे|

गुण गाए तेरे भक्त प्यारे||(6) जय तेरी हो स्कंदमाता

भक्ति अपनी मुझे दिला दो|

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो||(7) जय तेरी हो स्कंदमाता

इंद्र आदि देवता मिल सारे|

करे पुकार तुम्हारे द्वारे||(8) जय तेरी हो स्कंदमाता

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए|

तुम ही खंडा हाथ उठाएं||(9) जय तेरी हो स्कंदमाता

दास को सदा बचाने आईं|

चमन की आस पुराने आई||(10) जय तेरी हो स्कंदमाता

टिप – हमारे द्वारा माता के बारे में दी गयी जानकारी अच्छा लगा हो, तो कमेन्ट में जय माता दी जरुर लिखे| माँ स्कन्द माता आप सबकी मनोकामना जरुर पूरी करे|

इन्हें भी पढ़े – Navratra 4thDay Pooja : जाने नवरात्र के चौथे दिन माँ दुर्गा की कुष्मांडा रूप की पूजा अर्चना कैसे करे

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

Dear reader, your presence on our website is invaluable. While we respect your use of an AdBlocker, we kindly ask you to consider disabling it. Your support through advertisements sustains us, allowing us to deliver exceptional content and create a sustainable ecosystem. Thank you for your unwavering support.