Lal Bahadur Shastri Jayanti : जानें लाल बहादुर शास्त्री 118वीं जयंती

Lal Bahadur Shastri Jayanti : जानें लाल बहादुर शास्त्री 118वीं जयंती पर उनके जीवन के बारे में

Lal Bahadur Shastri Jayanti : हमारे देश के वीर पुरुष का जन्म 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जा रही है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आकस्मिक निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके शानदार व्यक्तित्व, अनुशासित जीवन, कठोर नैतिकता, विचारों और निडरता के लिए आज भी याद किया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री की सादगी विख्‍यात है. एक बार शास्‍त्री जी को कार खरीदना थी, उसके लिए वे खुद लोन लेने बैंक चल गए, ऐसे ही एक बार अपने बेटे का प्रमोशन रोक दिया गया|

            उससे भी ज्‍यादा दिलचस्‍प उनका टाइटल शास्‍त्री कैसे आया| अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने में महात्मा गांधी की ओर से चलाए गए सत्याग्रह जन आंदोलनों की बड़ी भूमिका बताई जाती है| वहीं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री का भी महत्वपूर्ण योगदान है. महात्मा गांधी हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख देते थे और लाल बहादुर शास्त्री की छवि भी सबसे ईमानदार नेता की है| आइये जानते है, भारत के इन वीर पुरुष के गथाओ के बारे में –

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म (Lal Bahadur Shastri Jayanti)

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में एक कायस्थ परिवार में हुआ था| उनके पिता नाम शारदा प्रसाद शिक्षक थे, लेकिन उन्हें मुंशीजी कहा जाता था| बाद में राजस्व विभाग में उन्होंने लिपिक का काम भी किया था| मां रामदुलारी ग्रहणी थीं, शास्त्री जी को परिवार में सब प्यार से नन्हें कहकर बुलाते थे| शास्त्री जब डेढ़ साल के थे तब उनके पिता निधन हो गया था| परिवार संकट में घिर गया था|

          मां रादुलारी ने अपने पिता यानी शास्त्री के नाना हजारीलाल के घर जाने का फैसला किया| ननिहाल मिर्जापुर में शास्त्री की बचपन की पढ़ाई हुई| बाद में वह हरिश्चचंद्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में पढ़े| शास्त्री की उपाधी मिलने के बाद उन्होंने अपना सरनेम श्रीवास्तव हटा दिया था| 1928 में शास्त्री की शादी मिर्जापुर की रहने वाली ललिता से हुई| उनकी छह संतानें हुईं, दो बेटियां और चार बेटे लाल बहादुर शास्त्री के चार बेटों में से अनिल शास्त्री कांग्रेस नेता हैं, और सुनील शास्त्री बीजेपी नेता हैं| अभी भी शःस्त्री परिवार का हमारे लिए कार्य करना बड़ी साराहनीय वाली बात है|

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री मोदी ने शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, लाल बहादुर शास्त्री जी की उनकी सादगी तथा निर्णय क्षमता के लिए पूरे भारत में प्रशंसा की जाती है। हमारे इतिहास के बेहद अहम मौके पर उनके मजबूत नेतृत्व को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ में उनकी गैलरी की कुछ झलकियां भी साझा की, जिसमें शास्त्री की जीवन यात्रा तथा उपलब्धियों को दिखाया गया है।

     उन्होंने देशवासियों से इस संग्रहालय का दौरा करने का भी आग्रह किया। इस ट्वीट के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अवसरों पर उनके द्वारा शास्त्री को दी गई श्रद्धांजलि से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया। शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था।

कार खरीदने के लिए बैंक से लोन (Lal Bahadur Shastri Jayanti)

लाल बहादुर शास्त्री के बच्चे उन्हें कहते थे कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके पास एक कार होनी चाहिए| घरवालों के कहने पर शास्त्री जी ने कार खरीदने के बारे में सोचा| उस समय आज की तरह बैंक बैंलेंस तो पता नहीं चलता था| उन्होंने बैंक से अपने खाते की जानकारी मंगवाई तो पता चला कि उनके बैंक खाते में तो महज 7 हजार रुपये ही है| उस समय कार की कीमत 12 हजार रुपये थी| कार खरीदने के लिए उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से लोन लिया| 5 हजार रुपये का लोन लेते वक्त शास्त्री जी ने बैंक अधिकारी से कहा कि जितनी सुविधा मुझे मिल रही है, उतनी आम नागरिक को भी मिलनी चाहिए|

Lal Bahadur Shastri Jayanti पर उनकी कविता

भारत-माँ के लाल बहादुर

शास्त्री जी तुम कहलाए।
सीधे-सादे छोटे-से थे
काम बड़े कर दिखलाए।
शांति तुम्हें प्यारी थी लेकिन
उससे भी प्यारा थी देश
युद्ध छिड़ा तो दिया तुम्ही ने
बढ़ते जाने का आदेश।
तुम ने जय बोली जवान की
जय किसान की भी बोले।
अच्छी पैदावार न हो तो
काम न कर सकती गोली।

लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते

  • 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।
  • लाल बहादुर शास्त्री ने विषम परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की। कहा जाता है कि वह नदी तैरकर रोज स्कूल जाया करते थे। क्योंकि जब बहुत कम गांवों में ही स्कूल होते थे। 
  • लाल बहादुर शास्त्री ने 1921 के असहयोग आंदोलन से लेकर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। शास्त्री जी 16 साल की उम्र में गांधी जी के साथ देशवासियों के लिए असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए थे।
  • सेना के जवानों और किसानों के महत्व बताने के लिए उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा भी दिया। 
  • शास्त्री जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जिसमें शास्त्री जी ने विषम परिस्थितियों में देश को संभाले रखा।
  • 1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।
  • लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बनने से पहले रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे।
  • 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली थी। 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु हो गई। पहले से लेकर अभी तक गाँधी जी और लाला बहादुर शास्त्री हमेशा हमारे दिल में रहेंगे और उनके दी गयी पथ पर चलने की कोशिश करे|

इन्हें भी देखे – Gandhi Jayanti 02 October : 02 अक्टूबर को गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है, जाने गांधी जी के जीवन से जुड़े राज के बारे में

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

Dear reader, your presence on our website is invaluable. While we respect your use of an AdBlocker, we kindly ask you to consider disabling it. Your support through advertisements sustains us, allowing us to deliver exceptional content and create a sustainable ecosystem. Thank you for your unwavering support.