नौकरी का लालच देकर भारतीय युवाओं को बनाया जा रहा है बंदी, 60 भारतीय युवाओं को सुरक्षित लाया गया भारत

बेरोजगारी के इस भाग दौड़ जिंदगी में नौकरी के लिए दर-दर भटकना एक आम जिंदगी हो गयी है और अच्छी नौकरी पाने के चक्कर में आज युवा गलत चीजों का शिकार हो जाते है. क्योकि उन्हें एक अच्छी नौकरी की तलाश रहती है जो की उन्हें नहीं मिल पाती और नौकरी पाने के चक्कर में देश विदेश तक चले जाते है.

इसी तरह हमारे भारतीय युवा भाइयों को कंबोडिया में नौकरी का लालच देकर भारतीय युवाओं को बंदी बनाकर साइबर अपराध कराया जा रहा है। इस तरह की कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें पीड़ितों और पीड़ितों के परिजनों के द्वारा बचाने की अपील की गई है। जिनबेई और सिहानोकविले जैसे स्थानों को साइबर फ्रॉड का केंद्र माना जाता है जहां से इन्हें साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता था।

हाल में हुए अपराध में करीब 60 भारतीय युवकों का जत्था कंबोडिया से सुरक्षित भारत लौटा है। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें नौकरी का बहाना देकर कंबोडिया ले जाया जाता है और वहां पर बंधक बनाकर साईबर अपराध कराया जाता है। कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने कहा कि 60 भारतीय नागरिकों के पहले समूह, जिन्हें धोखाधड़ी वाले नियोक्ताओं से बचाया गया था.

जो वापिस घर लौट आए हैं। इन व्यक्तियों को 20 मई को Jinbei-4 से बचाया गया था, सिहानोकविले में अधिकारियों के साथ समन्वित एक ऑपरेशन में। इसके अतिरिक्त, दूतावास ने कंबोडिया में रोजगार मांगने वाले भारतीयों के लिए एक सलाह जारी की, जिसमें उन्हें केवल विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा अधिकृत एजेंटों के माध्यम से नौकरियों को सुरक्षित करने का आग्रह किया गया।

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