Unicef Day world children's day : आज है, यूनिसेफ डे यानी संयुक्त राष्ट्र बालकोश का स्थापना दिवस मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन कोष के रूप में भी जाना जाता था। संयुक्त यूनिसेफ ने अपने 75 साल पूरे कर लिए है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 1946 को बनाया था। आइये कुछ जानकारी हम आपको यूनिसेफ के बारे में देने जा रहे है, तो चलिए इस आर्टिकल में यूनिसेफ क्या है, जान लेते है।
Unicef Day world children’s day का फुल फार्म
यह संयुक्तराष्ट्र संघ का एक संगठन है जो विश्व भर में बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करता हैं. यूनिसेफ की हिंदी में फुल फॉर्म संयुक्त राष्ट्र बाल कोष होती हैं।
Unicef Day(world children’s day) की स्थपाना क्यों की?
यूनिसेफ की स्थापना का प्रारंभ करने उद्देश्य उन देशों के बच्चों को खाद्य व स्वास्थ्य सबंधी सहायता उपलब्ध करवाना था, जो देश द्वितीय विश्वयुद्ध में तहस-नहस हो चुके थे। परंतु वर्तमान में यह अंतराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के अधिकारों व आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु प्रयास में लगे रहते है।
- UNICEF – United Nations International Children’s Emergency Fund (संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बच्चों के आपातकालीन निधि) यह आपातकालीन निधि कोष के नाम से भी जाना जाता हैं। यूनिसेफ का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयार्क शहर में हैं, इसके वर्तमान अध्यक्ष कैथरीन रसेल हैं।
- UNICEF – United Nations International Children’s मुख्य यूनिसेफ का मुख्यालय न्युतर्क में स्थित है।
- यूनिसेफ का स्थापना नेशन्स जनरल असेंबली द्वारा की गई थी।
- यूनिसेफ के स्थापना 11 दिसंबर 1946 को हुआ था।
- यूनिसेफ की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य उन देशों के बच्चों को खाद्य व स्वास्थ्य सबंधी सहायता उपलब्ध करवाना था जो देश द्वितीय विश्वयुद्ध में तहस-नहस हो चुके थे।
- भारत को पोलियो से मुक्त देश का दर्जा यूनिसेफ तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिया गया था।
- पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को किस वर्ष वर्ष 2013 में यूनिसेफ” का ब्रांड अम्बेसडर नियुक्त किया गया था।
- यूनिसेफ का वित्त पोषण विभिन्न देशों की सरकारों और निजी डोनर्स द्वारा अंशदान किया जाता हैं. वैश्विक स्तर पर संस्था के कार्यों के लिए 1965 में इसे नोबेल शान्ति पुरस्कार इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार और वर्ष 2006 में प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवॉर्ड भी दिया गया हैं।
Unicef Day(world children’s day) का इतिहास
- संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children’s Fund-UNICEF) संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को बनाया गया था।
- पूर्व में इसे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (United Nations International Children’s Emergency Fund) कहा जाता था।
- पोलैंड के चिकित्सक लुडविक रॉश्मन ने यूनिसेफ का गठन करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
- इसे बनाने का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध में तबाह हुए देशों में बच्चों और माताओं को आपातकालीन स्थिति में भोजन और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना था।
- 1950 में यूनिसेफ के दायरे को विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये विस्तारित किया गया था।
- अब इसका नाम संयुक्त राष्ट्र बाल कोष है किंतु मूल संक्षिप्त नाम ‘यूनिसेफ’ को बरकरार रखा गया।
- 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी हिस्सा बन गया और इस संगठन के नाम में से ‘अंतर्राष्ट्रीय’ एवं ‘आपातकालीन’ शब्दों को हटा दिया गया।
Unicef Day(world children’s day) यह कैसे काम करता है
यूनिसेफ का कार्य करने का मुख्य केंद्र बच्चे होते हैं, उनके विकास तथा शिक्षा सम्बन्धी कार्य इस संगठन द्वारा किये जाता हैं। बच्चों को शोषण व हिंसा विरुद्ध, बाल श्रम, बच्चों के अधिकारों के हनन को रोकना, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव तथा hiv से सुरक्षा जैसे बड़े उद्देश्यों के साथ यूनिसेफ कार्य करता हैं।
भारत में भी यूनिसेफ लगातार बच्चों के लिए काम करता आ रहा है अगर आपके जानने में कोई बच्चा अगर परेशानी में है, तो आप संपर्क कर सकते हैं। यूनिसेफ के ऑफिस में उसका पता जानने के लिए क्लिक करें। बाल संरक्षण / Child Protection, Education / शिक्षा, Health / स्वास्थ्य बच्चों के लिए यूनिसेफ द्वारा इन तीन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं। यह अपने फंड का उपयोग निर्धन तथा सहायता के हकदार बच्चों को निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य तथा उनके अधिकारों के संरक्षण का कार्य यूनिसेफ द्वारा किया जाता हैं।
Unicef की राष्ट्रीय समितियाँ
- ये राष्ट्रीय समितियाँ 38 (औद्योगिक) देशों में हैं तथा इनमें से प्रत्येक एक स्वतंत्र स्थानीय गैर-सरकारी संगठन के रूप में स्थापित है। राष्ट्रीय समितियाँ सार्वजनिक क्षेत्र से धन जुटाती हैं।
- यूनिसेफ को पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान से वित्तपोषित किया जाता है और राष्ट्रीय समितियाँ सामूहिक रूप से यूनिसेफ की वार्षिक आय का लगभग एक-तिहाई हिस्सा जुटाती हैं। यह दुनिया भर में छह मिलियन व्यक्तिगत दाताओं के निगमों, नागरिक समाज संगठनों के योगदान के माध्यम से आता है।
- अमेरिका, नेपाल और कुछ अन्य देशों में यूनिसेफ अपने ‘ट्रिक-ऑर-ट्रीट फॉर यूनिसेफ’ कार्यक्रम के लिये जाना जाता है, जिसमें बच्चे यूनिसेफ के लिये पैसा इकट्ठा करते हैं।
- वस्तुत: यूनिसेफ दुनियाभर के 191 देशों और क्षेत्रों में मौजूद है, लेकिन नौ अन्य देश (बहामास, ब्रुनेई, साइप्रस, लातविया, लिचटेंस्टीन, माल्टा, मॉरीशस, मोनाको और सिंगापुर) इसमें शामिल नहीं हैं।
- विकसित देशों में लोग यूनिसेफ की 36 राष्ट्र समितियों में से किसी एक की गतिविधियों के माध्यम से यूनिसेफ के काम के बारे में जानकारी लेते हैं।
- ये गैर-सरकारी संगठन (NGO) मुख्य रूप से धन संचयन, यूनिसेफ ग्रीटिंग कार्ड और उत्पादों को बेचने, निजी और सार्वजनिक भागीदारी बनाने, बच्चों के अधिकारों का समर्थन करने और अन्य सहायता प्रदान करने का ज़िम्मा उठाते हैं।
- यूनिसेफ के लिये अमेरिकी कोष राष्ट्रीय समितियों में सबसे पुराना है, जिसकी स्थापना 1947 में हुई थी।
युनिसेफ का उद्देश्य
तीय विश्व युद्ध के कारण खराब स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से ही युनिसेफ संस्था का संचालन किया गया। इस संस्था द्वारा प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई स्थिति में लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से ही इस संस्था को चलाया जा रहा है। UNICEF संस्था द्वारा बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं पोषण कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की मौत एवं उनका विकास ना होना जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए ही इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है।
यूनिसेफ इंडिया क्या योगदान पर निर्भर है?
भारत में जमीन स्तर पर काम करने का 70 से अधिक वर्षों का इतिहास रहा है, फिर भी बहुत से लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि यूनिसेफ अपने कामों को जारी रखने के लिए पूरी तरह से विभिन्न व्यवसायों या लोगों के योगदान पर निर्भर है। हाँ, यह बिल्कुल सच है। 1946 में विश्व स्तर पर और भारत में 1948 में स्थापित करने के दौरान यूनिसेफ को संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी एजेंसी घोषित किया गया था जिसे संयुक्त राष्ट्र सचिवालय से योगदान प्राप्त नहीं होता है। इसलिए यूनिसेफ लोगों के साथ-साथ निजी व सार्वजनिक क्षेत्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता पर निर्भर करता है।
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