Zika Virus : जीका वायरस 2015 में आई थी और धीरे धीरे अब इसका कहर बढ़ते ही जा रहा है। सबसे पहले यह कानपुर में पाया गया था। फिर केरल में ऐसे ऐसे वायरस आ रहें है। और हम धीरे धीरे किसी न किसी गंभीर और खतरनाक जैसे बीमारियों से निपटते रहते है।
अभी हाल में ही कर्नाटक के रायचूर जिले की एक पांच वर्षीय लड़की के सोमवार 12 दिसंबर को जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। दक्षिणी राज्य में इस बीमारी का यह पहला पुष्ट मामला है। मंत्री ने जनता को आश्वासन दिया है, कि जीका वायरस की खबर से घबराने की कोई बात नहीं है।
क्योंकि सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है, और साथ ही दिशा-निर्देश भी जारी करेगी। जीका वायरस को कोरोना वायरस के बाद सबसे गंभीर वायरस में कंसिडर किया जा रहा है।
Zika Virus का पता कैसे चला
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा था कि सरकार स्थिति को संभालने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा किए गए परीक्षणों में बीमारी की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों ने पेशाब और खून के सैंपल पुणे लैब में भेजे थे।
देश में पहला जीका वायरस 2020 में केरल में पाया गया था। जीका वायरस से प्रभावित व्यक्तियों में बुखार, शरीर में दर्द और जोड़ों में दर्द, दाने और नेत्रश्लेष्मलाशोथ के गंभीर लक्षण पाए जाते हैं।
Zika Virus क्या है?
जीका वायरस के उपचार के लिए निरंतर प्रयास किया का रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जीका वायरस एडीज मच्छरों के माध्यम से फैलता है। ये मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और शहरी पीला बुखार भी प्रसारित कर सकते हैं। लेकिन इसका असर तुरंत नही होगा, मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन के अंदर इस बीमारी का पता चल पता है।
ज़िका वायरस का निदान रक्त परीक्षण या शरीर के अन्य तरल पदार्थों से जुड़े परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है। जीका वायरस के लिए अभी तक कोई विशिष्ट उपचार या टीका नहीं है।
Zika Virus symptoms क्या है?
जीका वायरस को बहुत ही खरनाक बीमारी बताया गया है। (WHO) डब्ल्यूएचओ के अनुसार, चकत्ते, बुखार, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द रोग के सामान्य लक्षण हैं। हालांकि, ज़िका वायरस वाले अधिकांश लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं।
लेकिन इसका असर तुरंत नही होगा, मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन के अंदर इस बीमारी का पता चल पता है।लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं। ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं। यह रोग असुरक्षित संभोग और रक्त संचरण से भी फैलता है।
Zika Virus मां से बच्चों में फैलता है
जीका वायरास डेंगू और चिकन गुनिया भी फैलाता है। परेशान करने वाली बात यह है, कि जीका वायरस से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों का जन्म अविकसित दिमाग के साथ होता है।
और उनके शरीर का आकार भी छोटा होता है। जिसमे बच्चे में कई तरह के अविकसित जैसे की बच्चों की विकास में कमी होना और कई तरह के बीमारी हो जाना ये भी इनका एक लक्षण है।
Zika Virus से जुड़े 10 तथ्य
- जीका वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से फैल रहे है। यह डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है।
- बच्चों के दुश्मन जीका वायरस का डीएनए टेस्ट कराने पर पता चलता है।
- जीका वायरस को सबसे पहले वर्ष 1947 में युगांडा के बंदरो में पाया जाया है।
- सबसे पहले इंसानों में इस वायरस का मामला 1954 में नाइजीरिया में सामने आया था। इसके बाद इस बीमारी ने दक्षिण पूर्वी एशिया में अपना जिन फैलाया है।
- अबतक अमेरिकी महाद्वीप के 20 से ज्यादा देश जीका वायरस के चपेट में है।
- खासतौर पर ब्राजील, कोलंबिया, ग्वाटेमाला, एल सोलवाडर,जैसे देश में जीका वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव पाया गया था।
- ब्राजील में जीका वायरस को वजह से अक्टूबर 2015 से अबतक 4180 बच्चे का जन्म अविकसित दिमाग के साथ हुआ है।
- दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में प्रेगनेंसी को टालने को हिदायत दी गई थी।
- चिंता की बात यह है,की जीका वायरस का अभी कोई दावा या इलाज नहीं है।
- चिली और कनाडा के ठंडे इलाको को छोड़कर जीका वायरस पूरे अमेरिकी महाद्वीप को अपने चपेट में ले सकता है। जीका वायरस ने सबसे ज्यादा कहर ब्राजील में बरसाया है।
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