World Wildlife Day : संपूर्ण विश्व में 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस मनाया जाता है। 20 दिसम्बर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनी 68 वी महासभा में वन्य जीवों को सुरक्षा के प्रति दुनियां भर के लोगो को जागरूक करने और वनस्पति के प्रजातियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को हर इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था।
World Wildlife Day क्यों मनाया जाता है?
हर 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस मनाया जाता है। हर साल लोगो को अलग अलग थीम के माध्यम से विलुप्त हो रहे जीवों प्रजातियों और अन्य प्राकृतिक वस्तुओं सरंक्षण करने के लिए जागरूक किया जाता है।
World Wildlife Day मनाने का उद्देश क्या है?
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है, दुनिया भर में वन्य जीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्त प्रजातियों के प्रति लोगो को जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनी 68 वी महासभा में वन्य जीवों की सुरक्षा की प्रति और लुप्त हो रहे प्रजातियों और वनों की सुरक्षा करने की घोषणा की है।
विश्व वन्यजीव दिवस 2020 का विषय संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों 1, 12, 14 और 15 अर्थात शून्य गरीबी, संवहनीय उपभोग और उत्पादन, जलीय जीवों की सुरक्षा और थलीय जीवों की सुरक्षा को प्राप्त करने के साथ जुड़ा है।
World Wildlife Day थीम क्या है?
विश्व वन्यजीव दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर साल एक थीम जारी की जाती है, जिससे कि विलुप्त हो रहे वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके।
विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम था कि पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना है। और हर साल इस दिवस को अलग अलग थीम के रुप में मनाया जाता है।
World Wildlife Day इतिहास क्या है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था. तीन मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था।
वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।
World Wildlife Day की शुरुवात कैसे हुई
3 मार्च 2014 को पहला विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया, दुनियाभर से लुप्त हो रहे जंगली फल-फूलों के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड को प्रतिबंधित करने के लिए 3 मार्च 1973 को यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे।
इस खास दिन की याद में 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 63वें सत्र में तय हुआ कि हर साल 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाएगा।
1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम
वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।
तब से लेकर आज तक हर साल 3 मार्च को पूरी दुनिया में वन्य जीव को संरक्षित करने और इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
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