भारत के प्रधानमंत्री जो की केंद्र सरकार के प्रमुख होते है वो हर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन दिल्ली के लालकिला में झंडा फहराते है लेकिन 26 जनवरी के दिन वो झंडा नही फहराते । इसके पीछे एक बहुत ही ऐतिहासिक कारण है। आइए जानते है।
- 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजो के क्रूरता पूर्ण शासन से आजाद हुवा था इस कारण इस दिन को हम भारतवासी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है।
- आजादी मिलने के बाद भी हमारे देश बहुत सारे आधिकारिक कानूनी कार्यों से गुजरना था। जिसमे से सबसे पहला काम मंत्रिमंडल का गठन और दूसरा काम भारत में भारत के विदुषियों द्वारा एक ऐसा कानून लागू करना था जो सबके लिए समान हो। इस कानून को है आज हम भारत संविधान के नाम से जानते है।
- और इस संविधान को बनने और लागू होने में लगभग 3 साल का समय लग गया। और तब तक के समय को ब्रिटिश इंडिया के नाम से जाना जाता है। हालांकि संविधान को बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में ढाई साल में पूरा कर लिया गया।
- 15 अगस्त 1947 को गांधी जी के सम्मति से पंडित जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमन्त्री चुना गया । इस दिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने पहली बार आजाद भारत का तिरंगा दिल्ली के लालकिला में फहराया था और देश के लोगो के नाम संदेश दिया था।
- तबसे आज तक भारत के हर प्रधानमंत्री हर15 अगस्त को दिल्ली के लालकिला में तिरंगा फहराते है।
- 15 अगस्त 1947 के समय मंत्री मंडल के कई अहम मंत्री चुन लिए गए थे लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव अभी भी नही हो पाया था।
- 15 अगस्त 1947 से लेकर 24 जनवरी 1950 तक भारत देश में कोई राष्ट्रपति चुनाव भी हो पाया था। और ठीक 24 जनवरी को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी को राष्ट्रपति चुना गया तब तक भारत की संविधान प्रक्रिया भी तैयार हो गई थी।
- इस तरह 26 जनवरी 1950 के दिन संविधान को लागू किया गया और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने देश के पहले राष्ट्रपति पद का शपथ लेते हुए आधिकारिक रूप से देश को संबोधित किया।
- इस दिन उन्होंने दिल्ली के राजपथ से देश के नाम संदेश देते हुए झंडा फहराए। तबसे लेकर आज तक हर 26 जनवरी को केवल भारत के राष्ट्रपति ही हर 26 जनवरी को झंडा फहराते है।
- इस तरह भारत के प्रधानमंत्री सभी मंत्रिमंडल के प्रमुख होने के साथ केंद्र सरकार के प्रमुख होते है और हर 15 अगस्त को झंडा फहराते है जबकि राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख होने के साथ देश के सर्वोच्च नागरिक होते है जो भारत के लोकतंत्र प्रणाली के नेतृत्व करते है और लोकतंत्र लागू होने वाले दिन यानी की गणतंत्र दिवस (26 जनवरी ) के दिन झंडा फहराते है।
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