Pregnancy Tips in Hindi : गर्भावस्था के दौरान अनीमिया यानी आयरन की कमी का ख़तरा होना आम है। खासतौर पर भारत में 59 फीसदी प्रेगनेंट महिलाएं आयरन की कमी से जूझ रही हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आयरन की हल्की कमी तो आम है, लेकिन गंभीर रूप से अनिमिया के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें वक्त से पहले डिलिवरी और दूसरी स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं। गर्भावस्था के दौरान अनीमिया का असर न सिर्फ मां बल्कि बच्चे पर भी पड़ता है। मां के शरीर में आयरन का स्तर कम होने से जन्म के वक्त बच्चे का वज़न भी कम हो सकता है। किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था उसके जीवन का सबसे यादगार समय होता है| इस दौरान वह कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना भी करती है|
प्रेगनेंसी में रखे खास ख्याल Pregnancy Tips in Hindi
इस दौरान वह अक्सर शरीर में होने वाले बदलाव और शरीर की बढ़ती जरूरतें दोनों को एक साथ नहीं संभाल पाती| अक्सर इस दौरान वह उतना उस उस हिसाब से नहीं खा पाती जैसे कि उसके शरीर को जरूरत होती है| भारत जैसे देश में तो बड़े स्तर पर महिलाओं में खून की कमी की शिकायत हो जाती है| इसकी एक वजह यह भी है कि यहां महिलाएं पहले ही एनिमिक होती हैं| शरीर में आयरन की कमी से ही एनीमिया होता है| ऐसे में महिलाओं को गर्भावस्था में आयरन की गोलियां लेने की सलाह दी जाती है|
एनीमिया है या नही कैसे पता करे? Pregnancy Tips in Hindi
एनीमिया होने के कई कारण और लक्षणों को अन्य कारणों से भी देखा जा सकता है। और एनीमिया के बहुत से लक्षण होते है, जैसे कि सांस में कमी और चक्कर आदि| ऐसी अनेक गर्भवती महिलाओं में समस्यां पाए जाते हैं| जिनमें आयरन की कमी नहीं होती। अत: इसकी जांच के लिए सर्वोत्तम तरीका से खून का जाँच कराना ही बेहद अच्छा रहेगा, शरीर में क्या-क्या कमी है, इस चीज का पता भी आसानी से लगाया जा सकता है| खून की चेकअप कराने के दौरान आपके पता चल जायगा| की आपके शरीर में कितना ग्राम हीमोग्लोबिन है। गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन के स्तर में थोड़ा बहुत बदलाव आना सामान्य है। यदि समय के आपके आयरन संग्रह का स्तर अच्छा हो तो आपका हीमोग्लोबिन स्तर शुरुआत में ऊंचा रहने की संभावना होती है। एनीमिया में कितना ग्राम ब्लड होता है, चलिए जान लेते है|
- 10 से 10.9 ग्राम/डेसीलीटर रक्त तक हल्का एनीमिया|
- 7 से 9.9 ग्राम/डेसीलीटर रक्त तक मध्यम स्तर का एनीमिया|
- 7 ग्राम/डेसीलीटर रक्त से कम होने पर गंभीर एनीमिया|
- तीसरी तिमाही के अंत में आपका हीमोग्लोबिन स्तर स्वत: ही थोड़ा बढ़ सकता है।
एनीमिया के प्रकार और कारण Pregnancy Tips in Hindi
एनीमिया 3 तरह का होता है- माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर। अगर बॉडी में हीमोग्लोबिन 10 से 11 g/dL के आसपास हो तो इसे माइल्ड एनीमिया कहते हैं। वहीं अगर हीमोग्लोबिन 8 से 9 g/dL होता है तो इसे मॉडरेट अनीमिया कहते हैं। जबकि सीवियर एनीमिया में हीमोग्लोबिन 8 g/dL से कम होता है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें मरीज की हालत के अनुसार खून चढ़ाने की भी नौबत आ जाती है। एनीमिया कई वजहों से हो सकता है। जैसे कि हेमरेज होने या फिर लगातार खून बहने की वजह से भी शरीर में खून की कमी हो जाती है।
इसके अलावा फॉलिक ऐसिड, आयरन, प्रोटीन, विटमिन सी और बी 12 की कमी हो जाए तो अनीमिया हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर फैमिली हिस्ट्री में ल्यूकेमिया या थैलीसीमिया की बीमारी रही है तो फिर उस स्थिति में एनीमिया होने के चांस 50 फीसदी तक बढ़ जाते हैं। एनीमिया की बीमारी को शरीर में ब्लड की मात्रा को बढ़ा कर जल्द से जल्द ठीक किया जा सकता है|
प्रेग्नेंसी में जरुरी आयरन मिनरल फूड्स Pregnancy Tips in Hindi
प्रेग्नेंसी में आयरन रिच फूड्स (Iron Rich Foods during Pregnancy) के महत्व के बारे में आप जान ही गए होंगे। लेकिन, इस बारे में जानना भी जरूरी है कि इस दौरान आप कौन से आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना होगा जो आयरन से भरपूर हो। इसके लिए आप सूखे मेवे जैसे किशमिश, खुबानी, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, साबुत अनाज, ब्राउन चावल, गेहूं, मटर, नट्स, अंडे, सोयाबीन, मीट आदि का सेवन करें।इसी के साथ टमाटर, गाजर, चुकंदर का सेवन रक्त बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
मिनरल और सप्लीमेंट
गर्भावस्था के दौरान, आपको भरपूर मात्रा में फोलेट (Folate), आयरन (Iron), कैल्शियम (Calcium), विटामिन डी (Vitamin D), ओमेगा -3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids), विटामिन बी (Vitamin B) और विटामिन सी (Vitamin C) की आवश्यकता होती है। फोलेट और फोलिक एसिड के बीच अंतर यह है कि फोलेट एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला विटामिन बी अधिकांश प्रीनेटल सप्लीमेंट्स में फोलिक एसिड होता है। आयरन सप्लीमेंट गर्भावस्था में सुरक्षित है। लेकिन, इसके बारे में डॉक्टर की सलाह लें।
सब्जियां (Vegetables)
सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली और अन्य हरी सब्जी व आयरन वाले चीजो को ज्यादा मात्रा में ले इसके अलावा दालें, क्विनोआ , फलियां भी आयरन की कमी को दूर करने में सहायक हैं। इसके साथ ही विटामिन सी युक्त आहार आयरन एब्सॉर्प्शन में मदद करता है और यह कुछ सब्जियों में पाई जाती है जैसे हरी सब्जियां, आलू, शिमला मिर्च आदि।
फल फ्रूट्स (Fruit)
प्रेग्नेंसी में आयरन रिच फूड्स (Iron Rich Foods during Pregnancy) में फल भी शामिल हैं जैसे सेब, केले, अनार आदि। जो महिलाएं एनीमिक हैं, वे अपने आयरन के लेवल को सही बनाए रखने के लिए हर दिन इनका सेवन कर सकती हैं।विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी, संतरे का रस और टमाटर आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं।
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प्रेग्नेंसी में इन चीजों का सेवन ना करे|
अगर आप आयरन से भरपूर आहार का सेवन कर रहे हैं या आयरन सप्लीमेंट्स को ले रहे हैं तो यह आहार आपके शरीर के आयरन को प्रभावित कर सकते है| आप इनके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। अब जानते हैं आयरन सप्लिमेंट्स के बारे में। अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है| तो इस दौरान इन चीजों का यानि चाय और कॉफी (Tea and coffee) एवं अधिक साबुत अनाज (Whole grains) का सेवन करने से बचना चाहिए| ज्यादा आयरन की गोलियों के सेवन से मल सामान्य से गहरे रंग का और काला भी हो सकता है। अगर आपको हल्का एनीमिया है, तो अपने खाना -पीना को सही टाइम पर खाने से मदद मिलेगी। इसके बावजूद, आपको आयरन की खुराक भी लेनी ही पड़ेंगी।
टिप – प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं| इसलिए कुछ भी खाने से पहले या किसी तरह की दवा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें|