Karwa Chauth Special 2022 : विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत खास महत्त्व रखता है| अपने पति की सुख-समृद्धि, सौभाग्य, और लम्बी उम्र के लिए विवाहित महिलाये इस दिन व्रत रखती है| और पुरे दिन निर्जला व्रत करती है, निर्जल व्रत के बाद ही चाँद का दीदार करके व्रत खोला जाता है| लेकिन क्या आप जानते है, इस खास दिन पर सरगी का बेहद महत्त्व होता है| आखिर करवा चौथ का सरगी से क्या रिलेसनऔर क्या महत्त्व है|
क्या आपको पता है| आप लोगो ने सरगी का नाम तो सुना ही होगा, लेकिन सरगी क्या होता है, वो जानते है| आज के इस आर्टिकल में करवाचौथ व्रत से जुडी सरगी के बारे बताने जा रहे है| कि क्या होता सरगी, करवाचौथ की सरगी में क्या खाया जाता है| और सरगी कौन देता है| तो आइये जानते है, करवाचौथ में सरगी क्या होता है|
सरगी क्या है? (Karwa Chauth Special 2022)
सरगी वो खास भोजन है, जो करवा चौथ पर सूर्योदय से पहले सास अपने बहु को देती है| और सरगी को प्रसाद समझकर ग्रहण करने के बाद करवा चौथ का व्रत रखा जाता है| सूर्योदय का मतलब यह है, कि लगभग 4-5 से बजे के बिच का समय यानि 4-5 बजे के बिच ही सरगी खाना चाहिए उसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखा जाता है| इसी सरगी को खाकर महिलायें करवाचौथ की व्रत रखते है|
कौन दे सकते है सरगी? (Karwa Chauth Special 2022)
करवाचौथ पर सरगी कोई भी दे सकते है, लेकिन सरगी का अधिकार केवल सास को ही होता है| सास ही अपनी बहु को सरगी देती है, सरगी एक तरह से उनका आशीर्वाद ही होता है| लेकिन अगर किसी की सास न हो तो कोई भी बुजुर्ग महिलायें जिन्हें आप अपने सास का दर्जा देती है, तो आप उनसे सरगी ले सकती है| इसके अलावा आप किसी कारण वश सास से दूर है, तो सास आपको पैसे भेज सकती है, जिससे आप सरगी का सामान उनके पैसे से खुद ही खरीद सकते है| और करवाचौथ का व्रत कर सकते है|
क्या होता है, सरगी में ? (Karwa Chauth Special 2022)
सरगी में खास तौर से सूखे-मेवे, काजू, बादाम, किसमिस, मीठी और मट्ठी फल, मिठाई, सेवई शामिल होती है| ये वो चीजे है, जो आपको उर्जा देती है, और सुबह उनके सेवन से आपको व्रत के दिन थकान महसूस नहीं होगी बल्कि आप के अन्दर उर्जा बनी रहती है|
क्यों खायी जाती है, सरगी?
सरगी खाने के पीछे अहम् कारन यही है, की सरगी खाने से दिनभर व्रत के लिए शरीर में उर्जा बनी रहती है| सूखे-मेवे, काजू, बादाम, किसमिस, मीठी और मट्ठी फल, मिठाई शरीर को उर्जा देते है| और दिनभर उर्जावान बनाये रखते है| यही कारण है, की सरगी को उपवास से पहले ही खाया जाता है| ताकि आप दिनभर इस व्रत का अच्छे मान कर सके, और दिनभर निर्जला व्रत करने के मुस्किल नहीं होती है| और अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत कर सके|
कब है करवा चौथ का व्रत
इस बार शुक्र के अस्त होने और चतुर्थी तिथि को लेकर करवा चौथ व्रत की तारीख में मतभेद है। कुछ ज्योतिषाचार्य करवा चौथ को 13 तो कुछ 14 अक्टूबर को मनाने की बात कह रहे हैं। शक्ति ज्योतिष केन्द्र लखनऊ के अनुसार हिंदू धर्म में कोई भी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। इस वजह से इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को ही मनाया जाएगा। चंद्र दर्शन का समय रात्रि के 07:53 बजे है।
करवा चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Special 2022)
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें पहले हाथ में गंगाजल लेकर भगवान का करें| फिर जल को किसी गमले में डाल दें, इसमें पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता| इस दिन पीली मिट्टी से माता गौरी की चित्र बनाएं| उन्हें लाल चुनरी, बिंदी, सुहाग सामग्री, रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करें| माता को आठ पूरियों की अठावरी और हलवे का भोग लगाएं| इसके बाद दोपहर के समय करवा चौथ के व्रत की कथा सुनें रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की कामना करें| इसके बाद एक छलनी लेकर चंद्र दर्शन करें और उसी छलनी से पति को देखें. आखिर में पति के हाथों से जल ग्रहण करें और व्रत खोलें| इसके बाद सास या घर में मौजूद किसी बुजुर्ग महिला के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और सुहाग की दीर्घायु की कामना करें|
करवा चौथ उद्यापन विधि (Karwa Chauth Udhyapan Vidhi)
- करवा चौथ वाले दिन प्रात: काल स्नान कर साफ या नई साड़ी पहनें. सरगी का सेवन कर व्रत का संकल्प लें और दिनभर निर्जला व्रत रखें|
- करवा चौथ के उद्यापन में हलवा और पूड़ी का भोजन जरूर बनाया जाता है, इसके अलावा सामर्थ्यअनुसार पकवान बना सकते हैं, ध्यान रहे इसमें लहसून-प्याज न हो|
- संध्या काल में शुभ मुहूर्त में व्रती और सभी 13 सुहागिन महिलाएं एक साथ पूजा करें, कथा सुनें, चंद्रमा को अर्घ्य दें और पानी पीकर व्रत का पारण करें|
- अब एक थाली में 4-4 पूड़ी पर हलवा रखकर 13 जगह रखें. थाली पर रोली से टीका कर अक्षत लगाएं, थाली को गणेश जी को चढ़ाएं|
- करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए 13 सुहागिनों को सुपारी देकर भोजन के लिए आमंत्रित करें, 13 स्त्रियां वहीं हों जो करवा चौथ का व्रत करती हैं|
- आमंत्रित सभी 13 महिलाओं को भोजन कराएं और उन्हें टीका कर एक थाली या प्लेट में सुहाग की सामग्री, कुछ रुपये रखकर भेंट करें|
- 13 महिलाओं को भोजन से पहले इस हलवा पूड़ी का प्रसाद खिलाएं| उपवास के दिन भगवान शिव और गणेश जी का जाप करे, और किसी की निंदा ना करे|