Fleg : भारत देश में हर साल हर्षो उल्लास के साथ 15 अगस्त को आजादी की जीत का जश्न मानते आ रहे हैं| इस दिन हमारे भारत देश में तिरंगा झंडा Fleg का क्या अहमियत होता है| वो सिर्फ सच्चे देश्वाशियाँ ही समझ सकते है कई दरिन्दाओं ने हमारे देश की झंडा को जलाने की भी कोशिश की है जिसने हमारे देश की शान को झुकाना चाहा है वो हर शीश झुका दे| ये हमारे तिरंगे झंडे का पहचान| आजादी की जंग (Freedom Fight) और उसके बाद आजादी को बनाए रखने में राष्ट्रध्वज यानी तिरंगे (National Flag) का हमारे भारत देश में बड़ा योगदान है|
इसी तिरंगे के लिए हमारे देश के शान को बढ़ाने के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे महान वीरो ने हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे और इसी तिरंगे की शान की खातिर चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने अंग्रेजों के आगे घुटने टेकने से इनकार कर दिया था| अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरें तोड़ने की जो कदम उठाये थे उसके लिए हम सब फिर से एक अपने देश एन वीर शहीदों को याद करते है| सभी सच्चे और अच्छे देशवाशियो ने इस तितंगे झंडे को अपना शान बनाना चाहा लेकिन इस तिरंगे झंडे Fleg को रखने व् धारण करने का कायदा कानून और नियम बनाये गए है| जिसका पालन करना हमारा कर्तव्य है|
कितना होगा Fleg का आकार
आपने जरुर देखा होगा कि कई लोगों की कार पर भारत का Fleg लगा रहता है और वह नेताओ और व्यक्ति के शान और वह किस स्थान पर है, इसी के अनुसार Fleg का आकार भी तय किया जाता है| जैसे कि जिस विमान में VVIP होते हैं उस विमान पर 450X300 mm आकार का Fleg लगाया जाता है| इसी तरह VVIP की कार पर 225×150 mm का Fleg होता है और उनकी टेबल पर 150×100 mm साइज का Fleg रखा जाता है| देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्टों के जज, तीनों सेनाओं के अध्यक्ष, राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री आदि VVIP की लिस्ट में आते हैं|
Fleg का आकार कुछ इस प्रकार है
राष्ट्रध्वज संख्या आकार mm में
1 6300 X 4200
2 3600 X 2400
3 2700 X 1800
4 1800 X 1200
5 1350 X 900
6 900 X 600
7 450 X 300
8 225 X 150
9 150 X 100
राष्ट्रध्वज को लेकर नियम कायदे कानन हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इन नियमों से अनजान हैं| समय-समय पर सरकारों ने राष्ट्रध्वज को लेकर नियम-कायदे जारी किए हैं|, जिसे मानना सबके महत्वपूर्ण है| इस तरह के सभी कानूनों, दिशा-निर्देशों, परंपराओं और प्रथाओं को एक साथ लाने की एक कोशिश फ्लैग कोड 2002 है| फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 को साल 2002 में 26 फरवरी से देशभर में लागू किया गया था|
राष्ट्रध्वज (Fleg) कैसे बनता है
मेरठ के एक छोटे से घर में तैयार हुवा तिरंगा झंडा (Fleg) को राष्ट्रध्वज कहा जाता है| और यही (Fleg)तिरंगा झंडा आजादी का सबसे बड़ा गवाह बना| भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा हाथ से बुने हुए सूती, रेशम और ऊन की खादी पट्टी से बना होता है| तीनो रंगों को अलग-अलग जोड़कर बनाया जाता है| तिरंगा झंडा को बनाने के भी कुछ नियम जब तीनो रंहो की सिलाई की जाती है तब अशोक चक्र का बिच में स्थगित होना और उस कपडे को निचे नही गिरने देना यह नियम सदियों से चला आ रहा है|
तिरंगा झंडा को तीन आयताकार पट्टियों को एक साथ जोड़कर बनाया जाता है और पूरा (Fleg) भी आयताकार ही होता है| भारत के राष्ट्रध्वज की लंबाई-चौड़ाई की बात करें तो यह हमेशा 3:2 में होता है| इसका मतलब यह कि अगर लंबाई 3 इंच है तो चौड़ाई 2 इंच ही होगी| तो इस तरह बनता है हमारे देश की शान तिरंगा झंडा
तिरंगे (Flag) की बनावट
भारत का राष्ट्रध्वज (Flag) यानी तिरंगा तीन आयताकार हिस्सों से मिलकर बना हुआ है| इन तीन रंग के आयतों की लंबाई-चौड़ाई बिल्कुल बराबर है| और राष्ट्रध्वज में सबसे ऊपर केसरिया (Saffron in National Flag) रंग है| इसमें सबसे नीचे का आयत हरे रंग (Green Colour in National Flag) का और दोनों के बीच सफेद रंग का आयत है| तिरंगे के बीचों-बीच सफेद रंग के आयत में नीले (Navy Blue) रंग में अशोक चक्र (Ashoka Chakra) है
| इस चक्र में बराबर दूरी और एक ही डिजाइन की 24 तीलियां हैं| तिरंगे झंडे में अशोक चक्र स्क्रीन प्रिंटिंग (Screen Printing) की मदद से लगाया जाता है| इसके अलावा इसे स्टेंसिल से भी बनाया जाता है और एम्ब्रॉयडरी करके भी अशोक चक्र को तिरंगे के बीच में बनाया जाता है| अशोक चक्र राष्ट्रध्वज में दनों तरफ से स्पष्ट तौर पर दिखना चाहिए| इस तरह से हमारे देश की आन, बान, और शान तिरंगा झंडा को 15 अगस्त और 26 जनवरी को लहराया जाता है|
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